भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार एवं टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत मांगे आवेदन

– अजजा के युवाओं को स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिए मिलेगी आर्थिक मदद

ग्वालियर, 31 जुलाई। अनुसूचित जनजाति वर्ग के जिले के युवाओं को भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना एवं टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए 31 अगस्त तक आवेदन मांगे गए हैं। मप्र आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र ऑनलाइन पोर्टल samast.mponline.gov.in पर भरे जा सकते हैं। साथ ही इसकी हार्डकॉपी शारदा विहार सिटी सेंटर स्थित सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एवं शाखा प्रबंधक आदिवासी वित्त एवं विकास निगम के कार्यालय में जमा करनी होगी।
सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना के तहत एक से 50 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है। सरकार द्वारा नियमित रूप से ऋण भुगतान की शर्त पर 5 प्रतिशत अथवा वास्तविक जो भी कम हो, की दर से 7 वर्षों तक ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही गारंटी फीस भी सरकार देती है। योजना के तहत जिले को पांच इकाईयां स्थापित करने का लक्ष्य मिला है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक की आयु 18 से 45 वर्ष के मध्य हो और परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रूपए से अधिक न हो।
टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत 10 हजार से एक लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है। जिसके लिए सरकार द्वारा पांच वर्षों तक 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान एवं गारंटी फीस दी जाती है। इस योजना के तहत जिले में 24 युवाओं को लाभान्वित कराने का लक्ष्य है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदक की आयु 18 से 55 वर्ष के मध्य हो और परिवार आयकरदाता न हो। टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत 24 इकाईयों का लक्ष्य मिला है। विस्तृत जानकारी के लिए शारदा विहार सिटी सेंटर स्थित सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एवं शाखा प्रबंधक आदिवासी वित्त एवं विकास निगम के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।