– अतिवष्टि से हुए जल भराव वाली बसाहटों के लिए एहतियात बतौर बनाए पर्याप्त राहत शिविर
– कलेक्टर चौहान ने सभी एसडीएम को 24 घण्टे टीमों को सतर्क रखने के दिए निर्देश
– राहत शिविरों में भोजन, पेयजल व प्राथमिक चिकित्सा के पुख्ता इंतजाम रखने के भी दिए निर्देश
– बडेरा गांव के नजदीक स्टॉप डैम पर पैर फिसलने से पानी में बहे प्रीतम की तलाश में जुटी है टीम
– ग्राम खेडीरायमल में भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
ग्वालियर, 26 जुलाई। ग्वालियर जिले में अतिवृष्टि से हुए जल भराव से प्रभावित गाँवों के लोगों के लिए एहतियात बतौर पर्याप्त राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। साथ ही जहां पर अत्यधिक जल भराव हुआ है वहां के लोगों को जिला प्रशासन की टीमों द्वारा एसडीआरएफ की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने जिले के सभी एसडीएम को जल प्रभावित क्षेत्रों में 24 घण्टे नजर रखने और आवश्यकता पडने पर लोगों को तत्काल नजदीकी राहत शिविर में आश्रय दिलाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही राहत शिविरों में भोजन, पेयजल व प्राथमिक चिकित्सा के पुख्ता इंतजाम रखने के निर्देश भी उन्होंने दिए हैं।
शनिवार को डबरा विकास खण्ड के ग्राम नंदू का डेरा में अत्यधिक जल भराव होने की सूचना मिलने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कार्रवाई की गई। इसी तरह ग्राम खेडीरायमल में भी रेस्क्यू ऑपरेशन कर लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। एसडीएम दिव्यांशु चौधरी ने बताया कि नंदू का डेरा से एसडीआरएफ की मदद से 50 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इनमें से 23 लोगों को डबरा के कम्युनिटी हॉल व रैन बसेरा में बनाए गए राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। शेष लोग अपनी सुविधा व इच्छा के अनुसार अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। इसी प्रकार ग्राम खेडीरायमल के लोगों को एसडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू कर ग्राम पंचायत खेडी रायमल के पंचायत भवन में बनाए गए राहत शिविर में पहुंचाया गया है।
जिले के मुरार विकास खण्ड के अंतर्गत ग्राम टिहौली के पीछे स्थित बडेरा निवासी 55 वर्षीय प्रीतम सिंह कुशवाह के बैसली नदी पर बने रपटे को पार करते समय पैर फिसलने से बहने की सूचना मिलने पर एसडीएम ग्वालियर ग्रामीण सूर्यकांत त्रिपाठी बचाव टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे। एसडीआरएफ की टीम प्रीतम कुशवाह को खोजने में लगी है। एसडीएम त्रिपाठी ने बताया कि मदद के लिए एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया है। मुरार विकास खण्ड के अंतर्गत हस्तिनापुर व बेहट में विशेष राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। साथ ही अन्य स्थलों पर भी एहतियात बतौर राहत शिविर स्थल चिन्हित कर लिए गए हैं।
एसडीएम भितरवार संजीव जैन ने बताया कि भितरवार क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा को ध्यान में रखकर लगातार सतर्कता बरती जा रही है। निचले क्षेत्रों में स्थित जिन पुल-पुलियों पर पानी बढा है उनको बैरीकेट्स लगाकर आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। जिसमें छीमक-भितरवार मार्ग व देवरा-भानगढ पुल पर पानी बढने से आवागमन के लिए बंद करा दिया गया है। इसी तरह क्षेत्र के अन्य पुल-पुलियों पर भी लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। निचले क्षेत्र के गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क कर दिया गया है। जैन ने बताया कि एहतियात बतौर भितरवार नगर में पांच राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। साथ ही जिले की हर ग्राम पंचायत के अंतर्गत पंचायत भवन व स्कूलों को जरूरत पडने पर राहत शिविरों के लिए चिन्हित कर आवश्यक इंतजाम कराए गए हैं।