6 वर्ष की बालिका से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

ग्वालियर, 16 जून। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं एकादशम जिला एवं अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट जिला ग्वालियर तरुण सिंह की अदालत ने 6 वर्ष की अवोध बालिका से दुष्कर्म करने वाले आरोपी दीपू उर्फ कालू जाटव उम्र 21 वर्ष निवासी हसनपुरा, थाना बिजौली, मुरार जिला ग्वालियर को सत्र प्रकरण क्र.186/2024 धारा 5एम, सहपठित धारा 6 पॉक्सो अधिनियम 2012 में आजीवन कारावास एवं 20 हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 87 बीएनएस में 5 वर्ष के कठोर कारावास एवं चार हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 351(3) बीएनएस में एक वर्ष का कठोर कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड से दंडित किया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक आशीष राठौर ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि 5 अगस्त 2024 को अभियोक्त्री की मां, अभियोक्त्री तथा अपने पति को ग्राम हसनपुर में एक बाबा के पास अपने मुंहबोले भाई के साथ ले गई थी, जहां पर उसके मुंहबोले भाई का साला अभियुक्त दीपू उर्फ कालू जाटव भी आ गया था। उसका पति व उसका भाई प्रसाद लेने के लिए चले गए थे। वह और उसकी पुत्री बाबा के घर के बाहर बैठी थी। अभियोक्त्री बाबा के घर के बाहर कुत्तों के बच्चों के साथ खेल रही थी तभी बाबा ने उसकी मां को अंदर बुलाया तो वह अंदर चली गई। उसने बाहर आकर देखा तो अभियोक्त्री नहीं थी। उसने आस-पास देखा उसे अभियोक्त्री नहीं मिली। उसके पति एवं भाई ने आकर बताया कि अभियोक्त्री को अभियुक्त दीपू उर्फ कालू अपने घर ले गया है। अभियोगी के पति की बाबा ने झाड-फूंक की और उसके बाद जब वह घर जाने लगे तब अभियुक्त कालू उनकी पुत्री को ले आया। उसने देखा कि पुत्री रो रही थी। उसने अपनी पुत्री से पूछा कि क्यों रो रही हो तो अभियोक्त्री ने कुछ नहीं बताया और घर चलने के लिए कहा, तब वह उसे अपने साथ घर ले गई। 7-8 दिवस पश्चात अभियोक्त्री उसके पास आई तब उसने अभियोक्त्री से कहा कि मैं तुम्हें नए कपडे, खिलौने दिलाउंगी, तुम बताओ उस दिन क्यों रो रही थी, तब अभियोक्त्री ने उसे यह जानकारी दी कि बाबा के घर से कालू मामा उसे गाडी पर बैठाकर अपने घर ले गए थे। कालू मामा ने अंदर कमरे में ले जाकर उसका मुंह बंद कर दिया और पलंग पर लेटाकर उसे मोबाइल फोन दिया जिसमें वह कार्टून देखने लगी। अभियुक्त ने उसके सााि गंदी हरकत की। वह रोने लगी तब अभियुक्त ने उसे कहा कि किसी को कुछ नहीं बताना, नहीं तो तुझे मार डालूंगा। अभियुक्त उसके बाद नहाने के लिए चला गया और फिर गाडी पर बैठाकर वापस छोड गया। अभियोक्त्री की मां ने उसके शरीर पर निरीक्षण किया तो उसकी गुप्तांग सूजी हुई थी। उसने अभियोक्त्री से पूछा कि यह बात उसे क्यों नहीं बताई तो उसने बताया कि अभियुक्त ने मना किया था और पिटाई करने की धमकी दी थी। अभियोक्त्री की मां ने अपने पति को बुलाकर उक्त घटना की सूचना दी और फिर उन्होंने कालू को अपने घर बुलाया और उससे घटना के बारे में पूछा तो अभियुक्त ने घटना कारित करने से इंकार किया और उन्हें धमकी दी कि यदि तुमने थाने में शिकायत की तो तुम सबको जान से खत्म कर दूंगा और कभी घर से बाहर नहीं निकल पाओगे। धमकी देकर अभियुक्त वहां से भाग गया। पीडिता ने आवेदन थाना बिजौली में प्रस्तुत कर उक्त घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख कराई, जो 21 अगस्त 2024 को थाना बिजौली के अपराध क्र.196/2024 अंतर्गत धारा 137(2), 64, 65(2), 351(3) भारतीय न्याय संहिता एवं धारा 3/4, 5एम/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम 2012 के अधीन अभियुक्त दीपू उर्फ कालू के विरुद्ध पंजीबद्ध की गई। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दोषसिद्ध किया है।