कलेक्टर ने 16 जून से 15 अगस्त तक मत्स्याखेट पर लगाया प्रतिबंध

– बंद ऋतु काल में मत्स्याखेट पूर्णत: रहेगा प्रतिबंधित
– अवैद्यानिक मत्स्याखेट/ परिवहन/ क्रय/ विक्रय आदि कार्य करते पाए जाने पर होगी कार्रवाई

भिण्ड, 13 जून। कलेक्टर भिण्ड ने समस्त नदियों एवं जलाशयों में बंद ऋतु काल में मत्स्याखेट पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया है।
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने आदेश जारी कर कहा है कि मप्र मत्स्योद्योग अधिनियम 1948 (संशोधित) 1981 की धारा 3(3) एवं मप्र नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम 1972 के नियम 3(2) के अंतर्गत संपूर्ण मप्र में प्रति वर्ष 16 जून से 15 अगस्त तक बंद ऋतु काल होने के कारण अवैद्यानिक मत्स्याखेट/ परिवहन/ क्रय/ विक्रय निषिद्ध होकर संज्ञेय अपराध है, नियम का उल्लंघन करने पर उक्त मत्स्योद्योग की धारा 5 में पांच हजार रुपए तक जुर्माना अथवा एक वर्ष का कारावास अथवा दोनों से दण्डित किए जाने का प्रावधान है, मप्र शासन मछली पालन विभाग के ज्ञापन 23 मार्च 1987 के अंतर्गत छोटे तालाब या अन्य स्त्रोत जिनका कोई संबंध किसी नदी से नहीं है और जिन्हें निर्दिष्ट की परिभाषा के अंतर्गत नहीं लाया गया है, को छोडकर समस्त नदियों एवं जलाशयों में बंद ऋतु काल में मत्स्याखेट पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। बंद ऋतु काल की अवधि में अवैद्यानिक मत्स्याखेट/ परिवहन/ क्रय/ विक्रय आदि कार्य करते पाए जाने पर उनके विरुद्ध अधिनियम, प्रावधानों, निर्देशों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
यह वैद्यानिक व्यवस्था मछली का प्रजनन काल होने से वंश वृद्धि को दृष्टिगत रखकर मत्स्य संरक्षण हेतु की जाकर उक्त काल को बंद ऋतु काल घोषित किया गया है। अत: संबंधित पुलिस, राज्य परिवहन, नगर पालिका, रेल विभाग के अधिकारियों के सहयोग की अपेक्षा करते हुए आशा है कि गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी प्रभावी मत्स्य संरक्षण कार्य को पूर्ण सहयोग प्रदान करें।