सुब्बाराव जीते-जागते गांधी थे, उन्होंने 13 वर्ष की उम्र में दीवार पर लिखा क्विट इंडिया

एमपी पैलेस भिण्ड में गांधीवादी विचारक डॉ. एसएन सुब्बाराव को लोगों ने दी श्रृद्धांजलि

भिण्ड, 08 नवम्बर। डॉ. एसएन सुब्बाराव भाईजी जीते-जागते गांधी थे, उन्होंने कर्नाटक में 13 वर्ष की उम्र में दीवार पर लिख दिया था क्विट इंडिया यानी भारत छोड़ो। इस पंक्ति के लिए अंग्रेजों ने उन्हें जेल में डाल दिया था। सुब्बाराव जीते-जागते गांधी थे। यह बात भिण्ड शहर के एमपी पैलेस में श्रृद्धांजलि सभा में जल-जन जोड़ों अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने कही। श्रृद्धांजलि सभा में बुंदेलखण्ड यूनिवर्सिटी के प्रो. नईम खान, डॉ. राधेश्याम शर्मा, रहीस खान, सर्वोदय समाज परिषद के प्रदेशाध्यक्ष मनीष राजपूत, जगतबहादुर सिंह, डॉ. तरुण शर्मा मौजूद रहे।
संजय सिंह ने स्व. सुब्बाराव पर बोलते हुए कहा उनका जाना पूरे विश्व में मानवता के लिए उनका रहना जरूरी था। अगर हम सब उनको सच्चे मन से श्रृद्धांजलि देने आए हैं तो उनके बारे में अधिक से अधिक लोगों को बताया जाए। उनका जीवन कैसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनें। वर्ष 1954 में पहली बार सुब्बाराव आए थे। कितना लंबा उनका जीवन यहां रहा होगा। सभी की जिम्मेदारी है, जब देश से अंहिसा जैसा शब्द विलुप्त होता जा रहा है। ऐसे दौर में एक ऐसे महान संत का जाना, उनके बारे में दुनियाभर में सुनने को मिल रहा है।
संजय सिंह ने कहा मेरा निवेदन है कि जहां संभव हो सके, उनके बारे में बात कीजिए। भिण्ड के लोगों से प्रार्थना है कि उनकी मूर्तियां गांव-गांव लगना चाहिए। इससे नई पीढ़ी को मालूम चलता है कि प्रतिमा क्यों लगी? इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि वे लेखन में कैसे आएंगे। यह करना ही भाईजी को सच्ची श्रृद्धांजलि होगी। इस दौरान प्रमोद दीक्षित, रवीन्द्र नरवरिया, राहुल सिंह कुशवाह, रेखा भदौरिया, अमित जैन, विष्णु सिंह कुशवाह मौजूद रहे।