बाल अधिकारों की रक्षा संविधान का मौलिक अधिकार : रामहरी शर्मा

– बाल संरक्षण एवं मौलिक अधिकारों और विश्व जल दिवस पर शिविर में हुआ कार्यक्रम

भिण्ड, 22 मार्च। शहीद वीरांगना अवंतीबाई की राष्ट्रीय योजना इकाई का सात दिवसीय शिविर का आयोजन पीस कॉलेज ऑफ एजुकेशन कन्हरी मेहगांव में किया जा रहा है। शिविर में प्रत्येक दिन छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व विकास को ध्यान में रखते हुए परियोजना कार्य के अंतर्गत स्वयंसेवकों को शारीरिक और मानसिक रूप से परिवार, समाज एवं राष्ट्र हित के लिए तैयार किया जाता है। विश्व जल दिवस पर नेहरू युवा संगठन केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में मुकेश कर्ण द्वारा जल संरक्षण के लिए प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें पूजा बघेल ने प्रथम, नंदिनी श्रीवास ने द्वितीय, शिवानी बघेल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सभी विजेताओं को प्रमाण पत्र भी दिए गए।
बौद्धिक सत्र के मुख्य अतिथि रामहरी शर्मा अधिवक्ता मेहगांव, रविन्द्र नरवरिया अधिवक्ता, हर्षकुमार शर्मा अधिवक्ता और राहुल राजपूत राष्ट्रीय सेवा योजना, युवा पुरस्कार, मप्र एनएसएस पुरस्कार विजेता उपस्थित हुए। अतिथियों ने सर्वप्रथम मां सरस्वती का पूजन किया। इसके पश्चात कार्यक्रम को आगे बढते हुए सभी अतिथियों को शॉल, श्रीफल देकर स्वागत वंदन प्रो. दुर्गेश गुप्ता ने किया। मंच संचालन स्वयंसेवकों ने किया।
सर्वप्रथम अधिवक्ता रामहरी शर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि भारत में अलग-अलग राज्य हैं फिर भी भारत में यह बाध्यता है कि प्रत्येक बालक शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार रखता है। बाल श्रम कराना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है। अनुच्छेद 24 यह कहता है कि किसी भी बालक से किसी भी कारखाने में श्रम नहीं करा सकते। इसी प्रकार मानव तस्करी के लिए बालक बालिकाओं को अपाहिज बनाकर उन्हें भीख मांगने के लिए बाध्य करना अपराध है। अनुच्छेद 14 कानून की समानता का अधिकार प्रदान करता है, अनुच्छेद 21 के तहत स्वतंत्रता का भी अधिकार देता है।
अधिवक्ता रविन्द्र नरवरिया ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना से व्यक्तित्व को गढा जाता है। भारत में मौलिक अधिकार महाभारत काल और रामायण काल से ही प्राप्त थे। तीन माह के बाद भ्रूण परीक्षण एवं गर्भपात करने पर अपराध की श्रेणी मानी जाती है। भारत में बालक को छह वर्ष के बाद ‘राइट ऑफ एजुकेशन’ का अधिकार अपने आप ही मिल जाता है।
भिण्ड जिले के राष्ट्रीय सेवा योजना के टाइगर कहलाने वाले राहुल राजपूत ने राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना युवाओं की ऊर्जा को संरक्षण करने का कार्य करता है। यह ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ को प्रदर्शित करता है। राष्ट्रीय सेवा योजना से हमें नई पहचान मिलती है। यह हमारे व्यक्तित्व को निखारने का कार्य करता है। अंत में आभार प्रदर्शन प्रो. अंबुजा गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में प्रो. दुर्गेश गुप्ता का सानिध्य प्राप्त हुआ। समापन के पश्चात श्रम सेवकों ने खेल भी खेले एवं सांस्कृतिक संध्या में लोक गीतों पर प्रस्तुतियां दी गई। शिविर में स्वयंसेवकों ने उत्साह पूर्वक सहभागिता की।