– जल श्रोतों की सफाई कर मनाया जल दिवस
भिण्ड, 22 मार्च। विश्व जल दिवस पर ‘ग्लेशियर का पिघलना जनजीवन को तबाह कर देगा’ ग्लेशियर संरक्षण थीम को लेकर नवांकुर संस्था चौ. रूप नारायण दुबे समाज कल्याण समिति भिण्ड ने जॉन्थियम पब्लिक स्कूल में जल संरक्षण को लेकर संगोष्ठी, परिचर्चा, शपथ दिलाई।
समाजसेवी सुनील दुबे ने बताया कि आज के लगभग तीस वर्ष पीछे मुडकर देखें तो हमें पहले जगह-जगह घने वन, पेड-पौधे, जल स्त्रोत- तालाब, बावडी, नदियां-नाले, भरी हुई दिखाई देते थे, लेकिन आज जब हम तीस वर्ष बाद देखते हैं तो गांव के कुएं, तालाब, नदियां, नाले भी प्राय: सूखे व लुप्त होते जा रहे है और पेड पौधों की अंधाधुंध कटाई के कारण जल स्तर भी गिर जा रहा है। यदि यही हाल रहा तो जब हम तीस वर्ष बाद सचेत होंगे तब तक हमारी जीवन लीला भी समाप्त होने की कगार पर होगी। इसलिए मित्रों जल के बिना जीवन संभव नहीं होगा, क्योंकि न जल होगा और न ही वन, पेड, पौधे। इसलिए यह बात समझ आती है कि जल संकट गहराता हराता जा रहा है, पानी बनाया नहीं जा सकता केवल बचाया जा सकता है।
संस्था के डायरेक्टर पुष्पेन्द्र तिवारी ने बताया कि वर्षा की बूंदे जहां गिरें वही रोकें, इस सृष्टि में जो कुछ भी हरा भरा है वह वर्षा की बूंदों का ही कमाल है। जल विशेषज्ञ गायत्री जैन ने कहा कि बूंद की ही छाया, माया, काया है, आकाश में जब एक बूंद गिरती है तो धरती पर कहीं तालाब बनती है, कहीं नदी बनती है और कुओं को भी भरती है, कहीं हिमालय में बर्फ के रूप में दिखती है। खेल प्रशिक्षक दीपू बघेल ने कहा कि हमें अपने-अपने घरों में जल को बचाते हुए जीवन बचाना है, हमें शुद्ध साफ पर्याप्त जल, हर घर जल, हर घर नल, सुरक्षित जल-सुनिश्चित डाल, आदि सूत्र बताए। नेहरू युवा केन्द्र के स्वयंसेवी अंकित दुबे ने कार्यक्रम मे शपथ दिलाई। कार्यक्रम में राहुल तिवारी, स्मृति शर्मा भारतीय, रिया जैन, उपेन्द्र, संतोष, हिम्मत सिंह हरिऔध, पुष्पा दुबे आदि ने अपनी सहभागिता कर अपने-अपने विचार व्यक्त किया।