चंबल में आतंक का पर्याय रही दस्यु सुंदरी कुसुमा नाइन की मौत

ग्वालियर, 03 मार्च। कभी ग्वालियर चंबल को अपने आतंक से दहलाने वाली और अब उम्रकैद की सजा काट रही दस्यु सुंदरी कुसुमा नाइन की इलाज के दौरान रात में मौत हो गई। कुसुमा को सैफई से एक महीने पहले लखनऊ रैफर किया गया था। उसे टीबी समेत कई बीमारियां थीं। सात सालों से इटावा जेल में बंद 65 वर्षीय कुसुमा नाइन जालौन जिले के थाना कुठौंद के गांव टिकरी की रहने वाली थी। तबीयत बिगडने पर कुसुमा को जिला इटावा जेल से अस्पताल भेजा गया था। हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। हालत में सुधार न होने पर लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) भेजा गया था। कुसुमा चंबल के कुख्यात डकैत राम आसरे उर्फ फक्कड की सहयोगी रही। जिस समय चंबल में डकैतों का आतंक था उस समय कुसुमा नाइन की तूती बोलती थी। 2004 में कुसुमा ने अपनी गैंग के साथ भिण्ड जिले के दबोह थाने की रावतपुरा चौकी पर आत्मसमर्पण किया था।