अधिकारियों की मिलीभगत से शासन की प्रदाय योजना में नियम विरुद्ध किया जा रहा पीडीएस परिवहन

प्रतिबंध होने के बावजूद ट्रेक्टरों से किया जा रहा परिवहन

मेहगांव, 28 अक्टूबर। शासन द्वारा बनाए गए नियमों की धज्जियां कैसे उड़ाई जाती हैं ये भिण्ड जिले में हर विभाग में देखने को मिलता रहता है, आप चाहे किसी भी विभाग में चले जाएं शासकीय अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक आपको नियम विरुद्ध कार्य करते मिलेंगे। भ्रष्टाचारी का आलम ये है कि इनके खिलाफ चाहे जितनी भी शिकायतें वरिष्ठ अधिकारियों को मिलती रहें, लेकिन उन शिकायतों को नजरअंदाज कर नियमों को ठेंगा दिखा दिया जाता है।
ऐसे ही नियमों को ठेंगा दिखाया जा रहा है, शासन द्वारा प्रदाय योजना के तहत शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्यान्न पहुंचाने वाली एजेंसी द्वारा, ठेकेदार द्वारा निजी कृषि कार्यों में उपयोग किए जाने वाले ट्रेक्टरों से राशन दुकानों पर खाद्यान परिवहन किया जा रहा है, जबकि शासन के नियमानुसार ट्रकों से या विशेष परिस्थिति में लोडिंग वाहनों से का उपयोग किया जाता है, लेकिन मेहगांव में सारे नियमों को दरकिनार रखते हुए खाद्यान्न ट्रेक्टर से परिवहन किया जा रहा है, जिससे स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं विभागीय अधिकारियों की अनदेखी या मिलीभगत का अंदेशा लगाया जा सकता है।

उप महाप्रबंधक के आदेशानुसार पीडीएस परिवहन में ट्रेक्टरों पर प्रतिबंध

यहां बता दें कि मप्र स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमिटेड के उप महाप्रबंधक (परिवहन) पवन राठी द्वारा जारी किए गए आदेश में लिखा है, कि ‘उचित मूल्ये दुकानों पर सामग्री पहुंचाने के कार्य में यदि परिस्थितिवश आवश्यकता होने पर कंडिका 4.13 के अनुसार, जिला प्रबंधक की पूर्व अनुमति उपरांत छोटे लोडिंग वाहन उपयोग किए जा सकते हैं। ऐसे वाहनों की संपूर्ण जानकारी जिला कार्यालय में दी जाना होगी। लेकिन ट्रैक्टर-ट्रॉली से परिवहन किया जाना किसी भी स्थिति में मान्य नहीं होगा। इस आदेश में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि किसी भी स्थिति में ट्रैक्टर ट्रॉलियों का पीडीएस वितरण सामग्री पहुंचाने में उपयोग नहीं किया जाएगा, बावजूद इसके ऐसा किया जा रहा है। परिवहन में ट्रैक्टर-ट्रालियों से गेंहू, चावल को भेजा जा रहा है।
किसानों को कृषि कार्य करने के लिए ट्रैक्टर को कई नियमों से छूट दी जाती है, उसके पंजीयन और अन्य मामलों में भी सरकारों की ओर से रियायत होती है। उसको सिर्फ खेती करने और खेती से संबंधित कार्य करने की अनुमति है। महाप्रबंधक की ओर से दुकानों की सूची मांगी है इसमें से ऐसे स्थानों की जानकारी भी मांगी है जहां भारी वाहन नहीं पहुंच पा रहे है।