अर्धनारीश्वर मन्दिर में कवि सम्मेलन साहित्यिक सौंदर्य का अनोखा संगम

भिण्ड, 09 दिसम्बर। अर्धनारीश्वर मंदिर के कथा पंडाल में रविवार की शाम एक अद्वितीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसने साहित्य प्रेमियों के मन-मस्तिष्क को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह आयोजन क्षेत्र के प्रसिद्ध कवियों की उपस्थिति और उनके भावपूर्ण काव्य पाठ के कारण अद्वितीय बन गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सुप्रसिद्ध कवि और मंच संचालक अंजुम मनोहर के कुशल संचालन से हुआ। इस मंच पर क्षेत्र के जाने-माने कवि जैसे संतोष अवस्थी, प्रदीप बाजपेई, रयान अजनबी, आशुतोष शर्मा, और सत्येंद्र कुशवाहा ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को गरिमामय बनाया। कवि संतोष अवस्थी की रचना दो नैन तेरे कजरारे ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। उनकी कविता की गहराई और प्रस्तुति ने पूरे पंडाल में एक भावपूर्ण माहौल उत्पन्न किया। अन्य कवियों ने भी अपनी कविताओं में मानवीय संवेदनाओं, प्रकृति, और समाज से जुडे विषयों पर अपने अनोखे दृष्टिकोण प्रस्तुत किए। उनकी कविताओं ने श्रोताओं के दिलों को गहराई से छुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कथा वाचक आदित्य पुरी महाराज ने अपने उदबोधन में मानवीय मूल्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने मानवता और नैतिकता के महत्व को रेखांकित करते हुए श्रोताओं को प्रेरित किया। विशेष अतिथि शुभेंद्र नारायण उर्फ पट्टी वाले बाबा की उपस्थिति ने इस सांस्कृतिक आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया। कार्यक्रम के दौरान गौ सेवा के लिए समर्पित विपिन चतुर्वेदी को सम्मानित किया गया। उनके समाजसेवा के उत्कृष्ट योगदान के लिए सभी ने उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की।
इस आयोजन का संयोजन नितिन दीक्षित ने किया, जिन्होंने न केवल कार्यक्रम को सुचारु रूप से संचालित किया, बल्कि इसकी भव्यता को एक नया आयाम दिया। कार्यक्रम के अंत में नितिन दिक्षित ने सभी कवियों, श्रोताओं और अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। अर्धनारीश्वर मंदिर की पवित्र छांव में आयोजित यह कवि सम्मेलन एक अनूठा साहित्यिक और सांस्कृतिक अनुभव रहा। यह आयोजन न केवल साहित्य प्रेमियों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणादायक और यादगार साबित हुआ।