भिण्ड, 19 जनवरी। स्टेशन हेडक्वार्टर ग्वालियर द्वारा हर वर्ष 14 जनवरी को वेटरंस डे मनाया मनाया जाता है। जिसमें इस बार चंबल एवं ग्वालियर संभाग के पूर्व सैनिक सम्मिलित न होकर इस सेलिब्रेशन का पूर्ण बहिष्कार किया है। क्योंकि ग्वालियर स्टेशन हैडक्वाटर के अंतर्गत मुरैना, ग्वालियर, भिण्ड, दतिया, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर के पूर्व सैनिक ग्वालियर स्टेशन हैडक्वाटर के अंतर्गत आते हैं और उनके हक और सुविधाओं का ख्याल रखना ग्वालियर स्टेशन कमाण्डर की जिम्मेदारी है।
इंडियन वेटरेनस ऑर्गेनाइजेशन के संभागीय अध्यक्ष वेटरन सुरेश सिंह तोमर और जिलाध्यक्ष वेटरन शिव बहादुर सिंह भदौरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 10 वर्षों से मुरैना और भिण्ड में कैन्टीन को संचालित किया जा रहा था, जिसे अभी स्टेशन कमाण्डर ने पिछले छह महीना से बंद कर दिया है। मुरैना कैन्टीन को रात में एक बजे क्लोज करवा लिया है तथा भिण्ड में भी यह कोशिश की गई और रात को एक बजे जाकर के कैन्टीन को भरके वापस ले जाने की कोशिश हुई। जिसमें भिण्ड के पूर्व सैनिकों ने उसको रात में जाकर के रोका और अभी तक वह कैन्टीन सील है। हमने स्टेशन कमाण्डर से अपनी समस्या से अवगत कराया कि हमारी इस सुविधा को बंद ना किया जाए भिण्ड के भूतपूर्व सैनिकों ने हर दर्जे पर अनुनय विनय किया है और हमने डिप्टी डायरेक्टर ब्रिगेडियर नायर साहब से भी निवेदन किया था और हम हर लेवल पर अपनी कार्रवाई कर चुके हैं। यहां तक की चुनाव के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी इस समस्या से अवगत कराया था, तो उन्होंने आश्वस्त किया था कि भूतपूर्व सैनिकों की सुविधाओं को बंद नहीं किया जाएगा और आप लोगों की कैन्टीन चलती रहेगी। क्योंकि भिण्ड में कम से कम नौ हजार पूर्व सैनिक और उनके परिवार हैं और मुरैना जिला में भी लगभग छह से सात हजार भूतपूर्व सैनिक और उनके परिवार रहते हैं, तो ग्वालियर जाने में काफी परेशानियां होती हैं, इन्हीं सब चीजों को देखते हुए 10 वर्ष पहले तत्कालीन स्टेशन कमाण्डर ने यह निर्णय लिया कि भिण्ड और मुरैना में कैन्टीन चलाई जाए और जून 2023 तक यह कैन्टीन लगातार चल रही थी। लेकिन अभी इस स्टेशन कमाण्डर ने इस सुविधा को बंद कर दिया है, इसी की वजह से हम लोगों ने यह कसम ली है कि स्टेशन हेड क्वार्टर द्वारा कोई भी कार्यक्रम किया जाएगा, उसमें हम लोग शरीक नहीं होंगे। हम उसका विरोध करेंगे और हमने आज जो स्टेशन हेड क्वार्टर ग्वालियर ने वेटेरेंस डे मनाया, उसमें दोनों संभाग के पूर्व सैनिकों ने सांकेतिक विरोध करके इसका बहिष्कार किया है।