एमजेएस कॉलेज के हिन्दी विभाग में हुआ भारतीय भाषा उत्सव-2023 का आयोजन

भिण्ड, 12 दिसम्बर। महाराजा जीवाजी राव सिंधिया शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिन्दी विभाग में गत आठ दिसंबर को भारतीय भाषा उत्सव 2023 का आयोजन किया गया। यह भारतीय भाषा उत्सव प्रतिवर्ष 25 सितंबर से 11 दिसंबर तक आयोजित किया जाता है। भारतीय भाषाओं का यह बहुभाषी उत्सव, प्रसिद्ध तमिल कवि और स्वतंत्रता सैनानी सुब्रमण्यम भारती की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस उत्सव में बडे पैमाने पर संस्थानों में विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक और जानता के सभी वर्ग भागीदारी करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
मप्र उच्च शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय आयोग के निर्देश पर एमजेएस शा. श्वातकोत्तर महाविद्यालय के हिन्दी विभाग में, 25 सितंबर से 11 दिसंबर के बीच भाषाई दिवस का आयोजन किया गया। उत्सव के अंतिम दिवस पर कक्ष क्र.नौ में महत्वपूर्ण समापन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। जिसमें मेरी मातृ भाषा में मेरा हस्ताक्षर अभियान, बहुभाषी सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, मनोरंजक गतिविधियां, विभिन्न भाषाओं में फिल्म स्क्रीनिंग, वाद-विवाद प्रतियोगिता, विभिन्न भाषाई क्षेत्र के व्यंजन कोने, प्रदर्शनी और भाषा शिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का संयोजन और उसकी बहुउद्देशीय रूपरेखा हिन्दी विभाग अध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र विसारिया ने निर्मित की। वहीं कार्यक्रम आयोजन और संचालन हिन्दी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. गजेन्द्र सिंह और डॉ. अनीता बंसल ने। भाषाई उत्सव के समापन दिवस के उपलक्ष्य में अंतिम दिन कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. प्रभा तिवारी प्राध्यापक रसायन शास्त्र और कार्यक्रम की अध्यक्षता भी रसायन शास्त्र विभाग की ही प्रो. डॉ. ऋचा सक्सेना ने की।
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. ऋचा सक्सेना ने कहा कि हमारा भारत बहु सांस्कृतिक और बहुभाषीय देश है। उसकी एकता के लिए आवश्यक है कि हमें अपनी मातृ भाषा के साथ अन्य प्रदेश वासियों की भाषा और बोली का सम्मान करना आना चाहिए। इससे बढकर होना यह चाहिए कि हर भारतीय को अपनी भाषा के अतिरिक्त कम से कम एक अन्य भारतीय भाषा का ज्ञान होना अति आवश्यक है। तभी हम अपनी देश की एकता और अखण्डता को अटूट बना कर रख पाएंगे। अंत में आभार डॉ. अनीता बंसल व्यक्त ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में बडी मात्रा में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की सक्रिय और सकारात्मक भागीदारी रही।