चिलर एवं डेयरी संचालक अपनी फर्म परिसर में साइन बोर्ड लगाएं
मिलावटखोरी में लिप्त खाद्य कारोबारियों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाकर करें कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा प्रशासन भिण्ड के तहत जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित
भिण्ड, 11 दिसम्बर। खाद्य सुरक्षा प्रशासन भिण्ड के अंतर्गत जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार भिण्ड में आयोजित की गई। इस दौरान एडीएम राजकुमार खत्री, एएसपी संजीव पाठक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं अभिहित अधिकारी डॉ. शिवराम सिंह कुशवाह, जिला कृषि अधिकारी, जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी, जनरल मैनेजर डीआईसी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला चिकित्सालय भिण्ड के डॉ. सुधीर कुमार व्यास, हिमांशु शर्मा, उपभोक्ता संगठन भिण्ड के सदस्य शिवराम शर्मा एडवोकेट, समस्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी भिण्ड उपस्थित रहे।
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र के क्रम में एवं उच्च न्यायालय खण्ड पीठ ग्वालियर के आदेश के पालन में मिलावटी/ नकली दूध व दूध से बने पदार्थों के निर्माताओं एवं मिलावटखोरी में लिप्त खाद्य कारोबारकर्ताओं के विरुद्ध विशेष सघन अभियान चलाकर प्रभावी कार्रवाई करने निर्देश दिए। उन्होंने दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थों की अधिक से अधिक नमूना कार्रवाई कर, मिलावट से मुक्ति अभियान अंतर्गत दूध शुद्धीकरण के लिए विशेष अभियान जारी रखने निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी निरीक्षण के दौरान मिलावटी खाद्य सामग्री जब्त करने के उपरांत उसके निर्माण/ परिवहनकर्ताओं की जानकारी/ सूचना तत्काल संबंधित जिलों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दें, जिससे संबंधित जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा सके। जिले में जन जागरुकता अभियान निरंतर संचालित करें, स्कूली बच्चों/ कॉलेजों में मिलावटी खाद्य सामग्री से संबंधित जागरुकता पैदा करने हेतु गतिविधियां आयोजित करें, विद्यालयीन छात्र-छात्राओं हेतु कार्यशाला आयोजित कर, खाद्य पदार्थों में सामान्य अपद्रव्यों की जांच हेतु सामान्य विधियों से अवगत कराया जाए।
उन्होंने कहा कि मोबाईल फूड टेस्टिंग लैब के द्वारा अधिक से अधिक खाद्य पदार्थों की प्रारंभिक जांच कर, मिलावटी पाए जाने पर जब्ती/ लीगल नमूने लेने की कार्रवाई की जाए। जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित दुग्ध शीत केन्द्रों एवं अन्य दुग्ध संग्रह स्थलों की मोबाईल फूड टेस्टिंग द्वारा नियमित जांच करें। कलेक्टर द्वारा जिले में संचालित मिल्क चिलर प्लांटों/ डेयरियों की सूची उपलब्ध कराने हेतु खाद्य सुरक्षा विभाग अधिकारियों को निर्देशित किया गया तथा चिलर तथा डेयरी संचालकों को निर्देशित किया कि समस्त चिलर संचालक एवं डेयरी संचालक लाइसेंसधारी दुग्ध कारोबारियों से ही दूध क्रय करेंगे एवं उसका समुचित रिकार्ड संधारित करेंगे, जो मांगे जाने पर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा बिना लाइसेंसधारी/ रजिस्ट्रेशनधारी दुग्ध कारोबारियों से किसी भी तरह की दूध एवं दुग्ध पदार्थ क्रय विक्रय नहीं करेंगे, दूध की सही जांच उपरांत ही क्रय करेंगे। यदि जांच दौरान दूध में मिलावट पाई जाती है तो ऐसे दुग्ध कारोबारियों की सूचना खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को देंगे, जिससे उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जा सके। यदि खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान किसी डेयरी संचालक एवं दूध कारोबारियों के यहां मिलावट का सामान पाया जाता है तो जिस दुग्ध व्यवसायी को वह दूध एवं दुग्ध पदार्थ विक्रय करता है वह भी मिलावट के कारोबार में संलिप्त माना जाएगा।
उन्होंने कहा कि चिलर संचालक एवं डेयरी संचालक अपनी फर्म परिसर साइन बोर्ड लगाएंगे, जिस पर फर्म का नाम, संचालक का नाम, मोबाईल नंबर, खाद्य लाइसेंस नंबर एवं पता आवश्यक रूप से प्रदर्शित करेंगे। बैठक में खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के प्रावधानों एवं क्रियान्वयन के अंतर्गत की जा रही कार्रवाईयों एवं उच्च न्यायालय ग्वालियर द्वारा दिए गए आदेशों के संबंध में समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान अवगत कराया गया कि विभाग द्वारा गत 22 अक्टूबर से पांच दिसंबर तक 68 प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई कर दूध के 27, मावा के 23, मिठाई के 25, अन्य दुग्ध पदार्थों के 20 नमूने लिए गए। 12 प्रतिष्ठानों को सील्ड किया गया। मिलावटखारों के विरुद्ध छह एफआईआर दर्ज कराई गई। 14 प्रतिष्ठानों के लाइसेंस/ रजिस्ट्रेशन निलंबित किए गए तथा पांच मिलावटखोरों को जिला बदर किया गया।