दंदरौआ धाम में वार्षिक महोत्सव के दौरान हो रही है शिव महापुराण की कथा
आज अंतिम दिवस सुबह नौ से 12 बजे तक होगी कथा
भिण्ड, 01 दिसम्बर। शिव महापुराण की कथा सुनकर हमने अपना जीवन सार्थक कर लिया है, आज हम और आप अपने जीवन की सार्थकता को स्वीकार कर लें। संसार में 84 लाख योनियों में आखिरी यानी मनुष्य है, मनुष्य की 83 लाख 99 हजार 999 के काटने के बाद हमें मनुष्य योनि हमें मिली है, लेकिन मनुष्य योनि में ही आपको शिव महापुराण कथा सुनने को मिल पाती है। यह उद्गार दंदरौआ धाम में गुरु महंत बाबा पुरुषोत्तम दास महाराज की पुण्य स्मृति में आयोजित हो रहे 27वे वार्षिक महोत्सव के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले ने शिव महापुराण की कथा के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि भगवान शिव की भक्ति प्राप्त करने के लिए सती जैसा त्याग होना चाहिए। हमारे शास्त्र कहते हैं कि स्त्री पर हाथ न उठाएं, स्त्री को गाली नहीं देनी चाहिए, किसी संत को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए, हमारी दृष्टि है कि हम संत को छोटा-बडा समझते हैं। संत, साधु, ब्राह्मण, अग्नि को साधारण नहीं समझना चाहिए, क्योंकि अग्नि की एक चिंगारी ही सभी सामग्री को भस्म करने में सक्षम है, इसलिए संत को कभी भी साधारण नहीं समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपके यहां कोई गरीब काम करने वाली स्त्री आती है तो वह अपनी मांग में सिंदूर लगाती है, लेकिन एक अमीर घर की स्त्री मांग भरने में संकोच करती है। जब गरीब स्त्री से आप पूछेंगे कि मांग में सिंदूर क्यों भरती हो, तो वह कहती है कि मेरा पति भी मेरे साथ काम करता है। आपका विश्वास और भरोसा ही सनातन धर्म को मजबूत करता है।
पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि महादेव के लिए शंभू शब्द आता है? शंभू का अर्थ स्वयं भू है, शिव और शक्ति एक साथ रहते हैं। हनुमान जी का जो सिर है वह शिव है और पूंछ है वह शक्ति है। माता के पल्लू, नारी की चोटी और हनुमान जी की पूंछ में दुर्गा जी समाहित रहती हैं। शास्त्र कहता है कि 24 घण्टे भगवान का भजन करना चाहिए, लेकिन मनुष्य को जितना समय मिले उसे भजन में लगाना चाहिए। भगवान शिव कृपालु एवं करुणा सागर हैं। हमारे घर में जो टेंशन रहती है, जो समस्या रहती है उसकी तरंगें हमारे घर के जल में मिलती है। अगर आप भगवान भोलेनाथ को अपने घर का जल चढाएंगे तो आप के घर की समस्याओं को हल शंकर भगवान करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो शंकर का भक्त होता है वह किसी के गाली देने पर भी कभी जवाब नहीं देता है। शंकर की आराधना करने वाला, शंकर की उपासना करने वाला शिव भक्त कभी जवाब नहीं देता, उसका जवाब स्वयं भगवान शंकर देते हैं।
शनिवार को अंतिम दिवस शिव महापुराण कथा का समय सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक रहेगा। यज्ञाचार्य पं. रामस्वरूप शास्त्री द्वारा अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए यज्ञ पूजन सुबह कराया जाएगा। मुख्य यजमान एवं कथा पारीक्षित साधना-अखिलेश तिवारी तथा कार्यक्रम की व्यवस्था वृंदावन धाम के महंत राधिकादास महाराज देख रहे हैं। सुबह 10 बजे से अजय याग्निक एवं उनकी टीम द्वारा संगीतमयी सुंदरकाण्ड का पाठ किया गया। कथा श्रवण के लिए पण्डाल में कमलदास महाराज टीकरी, महंत प्रेमदास महाराज गुतौर, महंत कालिदास महाराज तेजपुरा, रामवरन पुजारी, भाजपा अजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य, पूर्व विधायक राकेश शुक्ला, जलज त्रिपाठी, रामहरी शर्मा एडवोकेट, विनोद दीक्षित एडवोकेट, पवन शास्त्री, नरसी दद्दा सहित लाखों महिलाएं एवं पुरुष मौजूद रहे।