नाबालिगा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी एवं दो सह आरोपियों को आजीवन कारावास

सागर, 25 नवम्बर। तृतीय अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर नीलम शुक्ला की अदालत नेे नाबालिगा के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त विशाल उर्फ अशोक अहिरवार तथा अपराध में सहयोग करने वाले आरोपी लल्लू उर्फ कृष्ण कुमार व सोनू उर्फ सौरभ को धारा 450 भादंवि के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 506 में पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, 376डीए में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने बालिका के पुर्नवास के लिए उसे क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर चार लाख रुपए दिए जाने का आदेश भी दिया है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की। प्रकरण की विवेचना उपनिरीक्षक सत्यव्रत धाकड द्वारा की गई एवं सहयोग आरक्षक रामरमन कुर्मी एवं पवन पटैल ने किया।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडिता) ने थाना सुरखी में इस आशय की रिपेार्ट लेख कराई कि घटना के सुबह करीब चार बजे वह अपने घर पर कमरे में अकेली सो रही थी, तभी अभियुक्तगण आए और अभियुक्त विशाल ने उसके साथ जबरजस्ती दुष्कर्म किया और अभियुक्त लल्लू उर्फ कृष्ण कुमार व सोनू उर्फ सौरभ चाकू लेकर खडे रहे और पीडिता से कह रहे थे कि किसी को बताया तो चाकू मार देंगे। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सुरखी पुलिस ने द्वारा धारा 450, 376डीए, 506 भादंसं तथा धारा 5जी/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपीगण के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।