न्यायालय ने आरोपी पर एक लाख रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया
सागर, 25 नवम्बर। विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर अब्दुल्लाह अहमद के न्यायालय ने मोटर साइकिल से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपी सुरेन्द्र शर्मा को दोषी करार देते हुए स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा 8, सहपठित धारा 20(बी)(आईआई)(सी) के तहत 10 वर्ष कठोर कारावास एवं एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना राहतगढ पुलिस को 24 अक्टूबर 2017 को जरिये मुखबिर सूचना मिली कि सुरेन्द्र शर्मा नाम का व्यक्ति मोटर साइकिल से गांजा ले जा रहा है। एसडीओपी राहतगढ को कार्रवाई की सूचना देने के उपरांत हमराह स्टाफ के साथ मुखबिर के बताए स्थान ऐरण नाका पर रुक कर संदेही का इंतजार किया, कुछ समय पश्चात एक व्यक्ति मोटर साइकिल पर आता दिखाई दिया, जिसकी मोटर साइकिल पर पीछे एक बोरा बंधा हुआ था, वह व्यक्ति पुलिस को देखकर भागने लगा, उसे हमराह स्टाफ की मदद से पकडा गया। नाम पता पूछने पर अपना नाम सुरेन्द्र शर्मा पुत्र बाबूलाल शर्मा बताया। आरोपी की मोटर साइकिल पर बंधे बोरे को खोल कर देखने पर उसमें मादक पदार्थ पाया गया, जिसे छूकर, सूंघकर, जलाकर देखा तो अनुभव के आधार पर गांजा होना पाया गया। आरोपी के कब्जे से कुल 22 किलो गांजा जब्त किया गया। आरोपी का कृत्य धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत पाए जाने से उसे गिरफ्तार कर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्षा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना राहतगढ में धारा 8, सहपठित धारा 20(बी)(आईआई)(सी) एनडीपीएस एक्ट 1985 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरुद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपी को उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।