– राकेश अचल
उत्तर प्रदेश की उत्तरदायी सरकार ने आखिर अयोध्या में 22 लाख 23 हजार दीपक जलाकर एक नया विश्व कीर्तिमान बना ही दिया। दीप मालाओं से झिलमिलाती अयोध्या और सरयू के विभिन्न घाटों को देखकर मर्यादा पुरुषोत्तम रामजी को भी अफसोस हो रहा होगा कि वे त्रेता में क्यों जन्मे, कलियुग में क्यों नहीं। जितनी रौशनी अयोध्या में दीपावली पर हुई उतनी रौशनी तो शायद उस वक्त भी नहीं हुई होगी, जब सचमुच रामजी 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या लौटे होंगे।
दरअसल कोई भी कीर्तिमान केवल सत्ता ही बना सकती है। मुमकिन है कि त्रेता में विश्व कीर्तिमान बनाने का चलन न हो, इसलिए उस समय ये काम नहीं हो सका, जो कलियुग में वर्ष 2023 में संभव हुआ। उत्तर प्रदेश सरकार की इस उपलब्धि के लिए उप्र के उत्तरदायी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी जाना चाहिए। जनधन को इस तरह के आयोजनों पर खर्च करने की हिम्मत योगीजी के अलावा कोई और दिखा भी नहीं सकता। प्रदेश की जनता के आलावा राज्य के गवर्नर और खुद मुख्यमंत्री इस अद्भुद दीपोत्स्व में शामिल हुए। इस मौके पर शानदार आतिशबाजी और लेजर शो भी किए गए। इस माध्यम से ये प्रमाणित करने की कोशिश की गई कि मोदी राज में राम राज आया हो या न आया हो, लेकिन योगी राज में तो राम राज आ चुका है।
उप्र में यदि रामलला विराजमान के मन्दिर का मुद्दा न होता तो शायद आज भाजपा भी सत्ता में न होती, इसलिए योगी जी की सरकार का पूरा ध्यान रामजी कि अयोध्या और वहां नवनिर्मित राम मन्दिर पर है। इसी राम मन्दिर में रामजी की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा होना है। ये आयोजन रामजी की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा से ज्यादा योगी जी की सरकार की प्रतिष्ठा से जुडा है। रामजी की प्रतिमा के साथ यदि योगी सरकार की भी प्रतिष्ठा ढंग से हो गई तो अगले साल होने वाले आम चुनाव में भाजपा के प्राण भी सांसत में पडने से बच सकते हैं। योगी ने कहा कि 22 जनवरी की तैयारी हम सभी को अभी से करनी चाहिए। जिससे ये एक बडा आयोजन बने। हम सभी को मिल कर इस कार्य को पूरा करना होगा। योगी जी ने प्रदेश की जनता को दिवाली की शुभकामनाएं दीं। सीताराम, श्रीराम का नारा भी लगाया।
आप इसे धार्मिक कार्यक्रम मानें तो मानें, लेकिन मैं इसे एक सरकारी कार्यक्रम ही मानता हों क्योंकि यहां योगी ने राम से ज्यादा अपनी और मोदी के कामकाज पर प्रवचन दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच पर कहा कि सरकार ने उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत योजना, हर गरीब को सरकार की तरफ से सुविधाएं मिल रही हैं। कोरोना काल में हमने दीपोत्सव मनाया गया। फ्री में वैक्सीन, दवा दी गई। पीएम मोदी के अहम योगदान की वजह से कोरोना बीमारी गायब हो गई। अगले पांच सालों तक फ्री में राशन यूपी की जनता को मिलेगा। भगवान राम को आदर्श मानकर डबल इंजन की सरकार काम कर रही है।
आपको याद दिला दूं कि अयोध्या दीपोत्सव 2023 में नया दिए जलाने का नया वल्र्ड रिकार्ड बनाया गया है। पहले 18 लाख 81 हजार दिए जलाए जाने का रिकार्ड था, जिसे तोडते हुए इस बार के दीपोत्सव कार्यक्रम में 22 लाख 23 हजार दिए जलाए जाने का नया गिनीज वल्र्ड रिकार्ड बनाया गया है। रिकार्ड बनने पर सीएम योगी आदित्यनाथ को गिनीज वल्र्ड रिकार्ड की टीम द्वारा सर्टिफिकेट दिया गया है। सैकडों वॉलंटियरों की टीमों ने घण्टों की मेहनत से 24 लाख दिए प्रवजल्लित किए थे। अपना ही कीर्तिमान भांग करना धनुष यज्ञ के बराबर था। अपने बनाए कीर्तिमान या तो क्रिकेटर तोडते हैं या योगीजी जैसे नेता। किसी दूसरे के बूते कीबात नहीं है ये, यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी अभी तक अपना ही बनाया कोई कीर्तिमान नहीं तोडा है।
दरअसल ये दीपोत्सव रामजी कि विश्व ब्रांडिंग का एक हिस्सा था। इस आयोजन में 50 देशों के राजदूतों को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था। और ये अच्छी बात है। इस दीपोत्स्व का कम से कम 100 देशों में सजीव प्रसारण भी कराया गया। त्रेता में ये सब सुविधाएं नहीं थीं, इसलिए मुमकिन है कि उस काल में इतने लोग रामजी के आगमन पर हुए दीपोत्सव का आनंद न ले सके हों। अयोध्या में दीपोत्सव की लागत के बारे में विपक्ष के सवाल बेमानी है। ऐसे आयोजनों पर पैसा तो खर्च होता ही है, होना भी चाहिए। आखिर ये सब रुपया जनता की खुशी के लिए ही तो पानी की तरह बहाया गया है। पैसा होता ही पानी है। पैसे को द्रव्य कहा जाता है। पैसे का तो स्वभाव ही बहने का है। और वो अपने स्वभाव के माफिक बहा भी।
उत्तर प्रदेश सरकार के इस कामयाब आयोजन से दूसरे राज्यों को भी प्रेरणा लेना चाहिए और जहां-जहां ऐसे आयोजन संभव हैं, कराये जाना चाहिए। आखिर ये भी एक तरह से राम काज है। इस बहाने कुछ देर को ही सही कम से कम मिटटी के दीपक बनाने वालों के, उन्हें सप्लाई करने वालों के, खरीदारों के चेहरों पर तो रौनक आई ही है। इस विश्व कीर्तिमान के साथ ही आप सभी को भी दीपोत्सव की हार्दिक शुभ कामनाएं।