पूरे विश्व के लिए आदर्श है वनस्पति पूजन : आदित्यपुरी महाराज

धनवंतरि जयंती पर नक्षत्र वाटिका भटमासपुरा में हुआ वनस्पति पूजन

भिण्ड, 10 नवम्बर। नव वसुंधरा श्रृंगार जन कल्याण फाउण्डेशन टीम द्वारा शुक्रवार को भगवान धनवंतरी जयंती के अवसर पर ग्राम भटमसपुरा में महात्माओं सानिध्य में नर्मदेश्वर नक्षत्र वाटिका में औषधीय वृक्षों सहित समस्त वनस्पतियों का पूजन कर समाज को एक नवीन संदेश दिया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी आदित्यपुरी महाराज ने बताया कि आज के दिन ही भगवान धनवंतरी अपने हाथ में अमृत कलश तथा वनस्पति लेकर प्रदुर्भाव हुआ था। आज का दिन वनस्पति पूजन के लिए अति महत्वपूर्ण है, हमारे नगर भिण्ड में चंबल, क्वारी, सिंध आदि नदियों के निकट वनों में आज भी अनेकों प्रकार की दिव्य औषधीय वनस्पति फलती फूलती हैं, जो कि आम जनमानस की जागरुकता के अभाव में उसे संरक्षित न कर पाने के कारण आज वह महत्वपूर्ण वनस्पति विलुप्त होने की कगार पर है, ऐसे समय में नव वसुंधरा श्रृंगार जनकल्याण फाउण्डेशन जैसे संगठन द्वारा वनस्पति के लिए जागरुकता एवं संरक्षण का जो कार्य किया जा रहा है वह अत्यंत सराहनीय है। स्वामी ने सर्वे भवंतु सुखिन: की कामना के साथ सभी को दीपावली के पावन पर्व की अग्रिम अनंत शुभकामनाएं देते हुए अंत में जनसाधारण से आह्वान किया कि दीपावली के प्रत्येक पर्व को हम सभी वनस्पति के संरक्षण वा संवर्धन कर मनाएं, यह सभी के लिए अत्यंत लाभकारी होगा।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरेकृष्ण शर्मा आजाद ने कई औषधीय वृक्ष जैसे आंवला, हरश्रंगार, अर्जुन, नीम, बिल्ब, भटकटैया आदाझाडा इत्यादि वृक्षों के औषधीय महिमा को बताया। उन्होंने वृक्षों की वैज्ञानिक मेहत्ता के साथ-साथ उनके आध्यात्मिक महत्व को भी बताया। उन्होंने बताया कि संगठन के सभी सदस्यों तथा स्थानीय ग्रामीणों की सहायता से पूर्व में भी भगवान धनवंत्री त्रयोदशी के उपलक्ष्य में वनस्पति पूजन के कार्यक्रम किए जाते रहे हैं, आज भी सभी नक्षत्र वाटिकाओं में वनस्पति पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ और आगे भी किए जाते रहेंगे।
संगठन के पदाधिकारी राघव उपाध्याय ने वनस्पति पूजन विधि विधान से करवाया, जिसमें वनस्पति पूजन और भगवान धनवंतरी की आरती का सामूहिक गायन किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय मन्दिर के महंत हरिओम बाबा का सानिध्य भी मिला। संगठन के सक्रिय सदस्य आशुतोष शर्मा ने बताया कि वनस्पति एवं औषधि पौधे जीव मात्र के लिए इतनी महत्वपूर्ण हैं कि उनके सेवन मात्र से हर व्यक्ति निरोगी हो जाता है। उन्होंने आधुनिक समस्या को ध्यान में रखकर उदाहरण बताया कि आमला का सेवन करके ब्रह्मचर्य को साध सकते हैं। धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि प्रकृति के मात्र से प्राणी मात्र का अस्तित्व है। सोनू बघेल ने बताया कि प्राणी मात्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण उसका स्वास्थ्य है, प्रथम संपदा निरोगी काया, द्वितीय संपदा घर में माया जैसे विचार के साथ उन्होंने औषधि वनस्पति का महत्व बताया।
कार्यक्रम में राघवेन्द्र सिंह राजावत, अवधेश प्रताप सिंह राजावत, एडवोकेट आलेख शर्मा, दीपक मिश्रा, आशुतोष शर्मा गुरदास, रामअवतार सिंह गौर, सत्यम जोशी, सोनू बघेल, राहुल ओझा, अवनीश शर्मा, जलसिंह राजावत, शिवव्रत यादव, सचिन यादव, अभिषेक यादव, अभय यादव, कन्हैया यादव, आदेश यादव आदि का विशेष सहयोग रहा।