नवदुर्गा शक्ति संगठन द्वारा दुर्गा सप्तमी पर कवि सम्मेलन आयोजित

भिण्ड, 22 अक्टूबर। नवदुर्गा शक्ति संगठन जेल रोड मेहगांव द्वारा मातारानी के दरबार में शनिवार की शाम को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसका संचालन कवि अभिषेक व्यास ने किया। कवि सम्मेलन में आमंत्रित कवि शिवम सिंह सिसोदिया, शायर सुयश श्रीवास्तव, कवियित्री पलक सिकरवार, कवि विकास बघेल ने काव्य पाठ कर मातारानी के दरबार में रंग जमाया। श्रोताओं की भीड ने कवियों का हौसला बढाया।
नवदुर्गा शक्ति संगठन विगत 17 वर्षों से नवरात्रि की झांकी का आयोजन करता आ रहा है। इस संगठन के संचालक नंदकिशोर व्यास की देख-रेख में प्रति वर्ष यह आयोजन होता है। उन्होंने संगठन के कार्यकर्ताओं को मोतियों की भांति एक माला में पिरो के रखा हुआ है और इस बार दुर्गासप्तमी रविवार को रात्रि 8 बजे से कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया।
कवि सम्मेलन कवि अभिषेक व्यास ने अपने कविता कुछ यूं सुनाई- ‘बेटी का होना, बडा होना, और फिर चले जाना। मुश्किल हैं मुश्किल होता है बेटियों को विदा करना।। कवि कुमार विकास ने कहा- ‘सारी दुनिया धूप घनी है, छांव की राहत मेरी मां। द्वेश भरा है ये जग सारा, प्रेम की सूरत मेरी मां।।’ कवि सुयश श्रीवास्तव ने कहा- ‘मुझको अब उनकी तस्वीर ना दिखाइए। मुझको अब मां के आंचल में ले जाइये।।’ कवि शिवम सिंह सिसौदिया ने कहा- ‘मां तेरी गौरव गाथा को गाये सकल जहान। अम्बर पर हम लिख आए हैं जय जय हिन्दुस्तान।।’ कवियित्री पलक सिकरवार ने अपनी कविता यूं सुनाई- ‘बिना लडे ही रुक जाऊं क्या? लडकी हूं तो झुक जाऊं क्या?