सागर, 11 अक्टूबर। तृतीय अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला-सागर नीलम शुक्ला की अदालत ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले जाने वाले एवं उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को दोषी करार देते हुए धारा 366 भादंवि के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, पाक्सो एक्ट की धारा 6 में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई) में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 3(2)(व्ही-ए) में पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 3(2)(व्ही) में आजीवन सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायत कर्ता (पीडिता की मां) ने 18 जनवरी 2022 को थाना मोतीनगर में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि उसकी लडकी (पीडिता) कक्षा 10वी में पढती है, 17 जनवरी को सुबह करीब 10 बजे स्कूल जाने का कहकर गई थी जो वापस नहीं आई, जिसकी तलाश आस पडोस में तथा रिश्तेदारी में, दोस्तों में की, किन्तु कोई पता नहीं चला। किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बालिका को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने की शंका व्यक्त की। अनुसंधान के दौरान 12 मार्च 2022 को बालिका को दस्तयाब किया जाकर उसके कथन लेख किए गए, जिसमें उसने अभियुक्त द्वारा 17 जनवरी 2022 को उसे पीथमपुर ले जाना तथा उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया जाना बताया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना मोतीनगर पुलिस ने धारा 366ए, 376(2)(द) भादंसं एवं धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 3(1), 3(2)(व्ही) अजा व जजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 198 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला क न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।