अभी खत्म नहीं हुआ है कोरोना, बचाव जरूरी : डॉ. भारद्वाज

भिण्ड, 24 सितम्बर। कोरोना की थमती रफ्तार के बीच मास्क व सैनिटाइजर के प्रयोग की जरूरत भी अब समाप्त होती दिख रही है। लोगों के बीच इसको लेकर बढ़ रही लापरवाही का ही नतीजा है कि बीते दो महीने से मास्क व सैनिटाइजर की बिक्री व खपत दोनों ही समाप्त सी हो गई हैं। यह बात प्रेस को जारी विज्ञप्ति में डॉ. अनिल भारद्वाज ने कही।
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि मेडिकल स्टोर संचालक भी इस बात से हैरान हैं कि जिस मास्क व सैनिटाइजर के लिए महीनों पहले आर्डर लगाने पर भी आपूर्ति नहीं हो पाती थी अब ऑर्डर के बाद चीजें गोदाम में रखी है। निश्चित रूप से एक बड़ा बाजार कोरोना वायरस की आमद के बाद मास्क व सैनिटाइजर से पट गया था। मेडिकल स्टोर पर इनकी खपत इतनी अधिक थी कि बाकी दवाओं की तुलना में मास्क व सैनिटाइजर के बड़े-बड़े आर्डर डिस्ट्रीब्यूटर्स को दिए जा रहे थे। जबकि अगस्त व सितंबर का आलम यह है कि जो माल जुलाई में स्टोर तक पहुंचा था, वह वहीं पड़ा है। इस बीच बिक्री में 80 से 90 फीसदी की गिरावट आई है। दुकानदार बताते हैं कि पहले जहां एक दिन में 14 से 16 सौ तक मास्क उनकी दुकान पर बिक रहे थे वहीं, अब पूरे दिन में औसतन 10 से 12 मास्क की बिक्री है। अधिकांश लोग सर्जिकल मास्क की मांग करते हैं जो यूज इन थ्रो होते हैं, जबकि एन 95 जैसे मास्क की खपत लगभग समाप्त हो गई है। वहीं दूसरी ओर सैनिटाइजर का प्रयोग भी लोगों ने बंद कर दिया यही कारण है कि जिन्होंने जुलाई में तीसरी लहर की आशंका के बाद बड़े आर्डर दिए थे वह अब माल बेचने के लिए भी परेशान हैं। जिस तरह वैज्ञानिक सितंबर में तीसरी लहर के आने की आशंका जता रहे थे। जिला अस्पताल से लेकर सार्वजनिक स्थानों तक, सरकारी कार्यालयों से लेकर निजी दफ्तरों तक में मास्क का प्रयोग केवल 10 फीसदी नजर आता है जबकि सैनिटाइजर के प्रति लोगों की जागरूकता भी समाप्त हो गई है।

केवल चेकिंग व रोक टोक से बचने को लगा रहे मास्क

भिण्ड बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन हो या जिला अस्पताल, निजी डॉक्टर का क्लीनिक हो या सरकारी स्कूल यहां जो लोग भी मास्क का प्रयोग कर रहे हैं वे चेकिंग और रोक-टोक से बचने के लिए इसका प्रयोग करते नजर आते हैं। रेलवे स्टेशन पर भी अधिकांश लोग बिना मास्क के नजर आए लेकिन यदि आरपीएफ व जीआरपी का कोई जवान या टीटीई कहीं घूमता हुआ नजर आए तो लोग मास्क तुरंत नाक पर लगा लेते है। सरकारी अस्पताल की है डॉक्टर यदि मरीज को मास्क लगाने को टोकते हैं तभी मरीज मास्क का प्रयोग करते है। स्कूलों से सड़क पर निकले बच्चे भी मास्क का प्रयोग नहीं करते। आशंका व्यक्त की जा रही है उस बीच हो रही लापरवाही लोगों को सचेत करने के लिए काफी है।

टीकाकरण के साथ साथ बचाव के लिए भी जागरूक करें प्रशासन

वैसे कोरोना वैक्सीन के लिए भिण्ड जिले में जिला प्रशासन लगातार लोगो को प्रचार-प्रसार के लिए जागरूक कर रहा है, उसके परिणाम स्वरूप टीकाकरण में लोगो ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया और वैक्सीनेशन कार्य मे जागरुकता के चलते टीकाकरण के तय लक्ष्य के आंकड़े को करीब पहुंचकर सफलता हासिल की परंतु इसी बीच देखने में आया है जो लोग वैक्सिनेशन करा चुके है वो अत्यधिक लापरवाही करते नजर आ रहे है। इसीप्रकार वैक्सिनेशन के साथ साथ मास्क और सैनेटजर के प्रयोग हेतु लोगो को फिर से जागरूक करने की आवश्यकता है।