सामाजिक बुराइयों का स्नेह से उपचार संभव : स्वामी वेदतत्वानंद

मेहगांव विकास खण्ड के 10 स्थानों पर पहुंची स्नेह यात्रा

भिण्ड, 23 अगस्त। समाज का सबसे बडा रोग आपसी द्वेष और अविश्वास का भावना है, इसका स्नेह से उपचार संभव है इसलिए हम सबको मानव जाति से प्रेम करना चाहिए। जब हरि का भजन करके सब हरि के हो जाते हैं तो फिर जाति कहां रह जाती है। भक्त की कोई जाति नहीं होती हमें यह ध्यान रखना होगा। इसलिए आप सभी सारे द्वेष, विद्वेष और कटुता को भुलाकर आपस में स्नेह का मार्ग प्रशस्त करें। इसलिए आज समाज को दिशा दिखाने के लिए संत समाज के नेतृत्व में यह स्नेह यात्रा है। यह बात आचार्य शंकर न्यास पीठ से पधारे स्वामी वेदतत्वानंद महाराज ने मेहगांव के संत रविदास मन्दिर प्रांगण में संचालित स्नेह यात्रा के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि मप्र शासन द्वारा निकाली जा रही इस यात्रा में आप सभी लोग इसकी मूल अवधारणा को समझकर कार्य करें। भगवान ने सबको समान अवसर दिए हैं। जब ईश्वर ने भेदभाव नहीं किया तो आप कैसे कर सकते हैं। इसलिए हमें जातियों से ऊपर उठकर सोचना होगा। गांवों में आज भी भेद का भाव आता है, लेकिन उसे स्नेह से दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जैसे ही द्वेष खत्म होगा और प्रेम का विस्तार होगा शासन की इस यात्रा का उद्देश्य पूर्ण हो जाएगा।
यह यात्रा प्रत्येक दिन लगभग 10 ग्रामों से निकल रही है। आठवे दिन यात्रा मेहगांव से आरंभ होकर जीसकपुरा, ज्ञानेन्द्र पुरा, नारायण पुरा, गिंगरिखी, खेरियातोर, रविदास मन्दिर मेहगांव, सोनी, सुच्चापुरा, पचेरा, काचनावकलां, रुंद का पुरा होते हुए गोरमी में रात्रि विश्राम हुआ। यात्रा के दौरान स्वामीजी ने समस्त ग्रामों में ग्रामवासियों को आपसी प्रेम, सहयोग, स्नेह साथ ही जाति-पांति, ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, छूआछूत इन सबसे ऊपर उठकर सभी को सामूहिक रूप से समाज में सामूहिकता से रहने का संदेश दिया रहा है।
यात्रा में जिला प्रशासन के साथ-साथ मुख्य संत आदिगुरु शंकर न्यास पीठ के दशनामी पीठ के संत स्वामी वेदतत्वानंद महाराज राजकीय अतिथि, गायत्री परिवार, पतजलि, रामचंद्र मिशन, अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, जन अभियान परिषद के संभाग समन्वयक चंबल धर्मेन्द्र सिंह सिसोदिया, जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह भदौरिया तथा भिण्ड के समस्त मेंटर, समस्त सीएमसीएलडीपी के छात्र-छात्राओं की सहभागिता रही।