नाबालिगा से छेडखानी करने वाले आरोपी को तीन वर्ष का कारावास

सागर, 20 जून। तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर नीलम शुक्ला की अदालत ने नाबालिगा के साथ छेडखानी करने वाले आरोपी कलू उर्फ बालचंद पटैल को दोषी करार देते हुए धारा 354 भादंवि के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 354-डी के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि सूचनाकर्ता (बालिका) ने 30 मई 2022 को थाना मोतीनगर में रिपोर्ट लेख कराई कि 29 मई को शाम पांच बजे वह अपने घर से मन्दिर में दिया रखने जा रही थी, तभी रास्ते में अभियुक्त कलु पटेल मिला, जिसने बुरी नियत से उसका दाहिना हाथ पकड़ा और उसे पुराने घर में खींचने लगा, तो वह वहां से छूटकर अपने घर आ गई तथा मां और पिता को पूरी घटना बताई कि अभियुक्त कलु पटैल उसे दो माह से परेशान करता आ रहा है और उसे गंदे इशारे भी करता है। उसकी बात सुनकर जब माता-पिता और भाई, अभियुक्त को समझाने उसके घर गए तो अभियुक्त के घर वाले उसके माता-पिता की बात सुनने को तैयार नहीं थे, तो उसके माता-पिता घर वापस आ गए। फिर वह अपनी मां के साथ अभियुक्त की रिपोर्ट करने थाना गई। अभियुक्त कलु पिछले दो माह से उसके साथ बुरी नियत से छेडखानी कर रहा है, उसके विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाए। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना मोतीनगर पुलिस ने धारा-354, 354-क, 354-घ भादंसं एवं धारा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।