प्राकृतिक दुनिया के प्रति अपने संबंधों को मानव करें समर्पित : प्रो. शर्मा

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर संगोष्ठी आयोजित

भिण्ड, 22 मई। मानव द्वारा जाने अनजाने में पारिस्थितिक तंत्र में छेड़छाड़ के कारण जैव विविधता में लगातार कमी आ रही है, जो सजीव प्राणियों के लिए खतरनाक है, जबकि हमें यह पता है कि स्वस्थ और जीवंत पारिस्थितिक तंत्र से ही मानव समुदाय को रोटी, कपड़ा,भोजन, पानी, हवा और दवा के साथ-साथ आश्रय और ऊर्जा भी मिलती है। जैव विविधता को रखने के लिए हमें प्राकृतिक दुनिया के प्रति अपने रिश्तों को फिर से कायम करना होगा। यह बात हम फाउण्डेशन सिटी एवं विवेकानंद शाखा द्वारा चौ. यदुनाथ महाविद्यालय परिसर में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रो. रामानंद शर्मा ने कही। इस अवसर पर हम फाउण्डेशन प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. इकबाल अली, प्रांतीय संगठन मंत्री शैलेश सक्सेना, जिला महामंत्री विपुल सेठ, प्रशांत शर्मा आदि उपस्थित थे।
संगोष्ठी में प्रो. इकबाल अली ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता को संरक्षित रखने के लिए हमें प्राकृतिक संसाधनों जैसे पेड़ पौधे और जीव जंतुओं के साथ-साथ पशु पक्षियों की धरती पर अस्तित्व बनाए रखने की जरूरत है, लेकिन इसमें आ रही कमी से पारिस्थितिक तंत्र प्रभावित हो रहा है, जिसका दुष्परिणाम हमें प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़ और तूफान के रूप में देखने को मिल रहा है। हम मिट्टी, हवा, नदियां और ताल-तलैया तक का दोहन कर रहे हैं, जबकि हमें इसका संरक्षण करने की जरूरत है।
इस अवसर पर शैलेश सक्सेना ने कहा कि पर्यावरण के प्रति हमें जागरुक होना अतिआवश्यक है, क्योंकि पर्यावरण में जो बदलाव हो रहे हैं इसे ध्यान रखना जरूरी है। इसी क्रम में विपुल सेठ ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए हम सभी का दायित्व है कि जैविक पद्धति से जीवन को सफल बनाएं, वातावरण को शुद्ध बनाएं, समाज का हर जीव जंतुओं की रक्षा करना हमारा धर्म है। संगोष्ठी में महाविद्यालय का स्टाफ उपस्थित रहा।