विदिशा, 06 सितम्बर। द्वितीय अपर सत्र/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो विदिशा सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी के न्यायालय ने अवयस्क बालिका के साथ गलत काम करने वाले आरोपी राघवेन्द्र पुत्र काशीराम मैना उम्र 36 वर्ष निवासी ग्राम सेनपा, तहसील राहतगढ़, जिला सागर को धारा 366ए, 370, 370ए, 376ए/बी, 376 (2)(जे), 506 भादवि एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5/6 एवं एससी/एसटी अधिनियम की धारा 3(1)(डब्ल्यू)(1), धारा 3(2)(व्ही) तथा बालकों की देख-रेख एवं संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा 75 के आरोप मेें जमानत निरस्त की है। उक्त मामले में विशेष लोक अभियोजक श्रीमति प्रतिभा गौतम द्वारा जमानत याचिका पर अपराध की गंभीरता के आधार पर कड़ा विरोध किया गया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी जिला विदिशा सुश्री गार्गी झा के अनुसार घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि आरेापी राघवेन्द्र अभियोक्त्री के माता-पिता के साथ मिलकर अभियोक्त्री की मारपीट कर उसे अन्य लोगों के साथ गलत संबंध बनाने के लिए दबाव डालता था। करीब एक साल से आरोपी राघवेन्द्र एवं अभियोक्त्री के माता-पिता अन्य लोगों से रुपयों में अभियोक्त्री के साथ गलत काम करवा रहे थे तथा विरोध करने पर तीनों लेाग अभियोक्त्री की मारपीट करते थे और उसे जान से मारने की धमकी देते थे। उक्त घटना की रिपोर्ट थाना त्योंदा में लेखबद्ध कराई गई थी। रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा आरोपी राघवेन्द्र मैना की ओर से जमानत आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था, जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दिया गया।