संपूर्ण सनातन को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया : राणानंद सरस्वती

जन अभियान परिषद रौन द्वारा आदिगुरु शंकराचार्य की जयंती पर एकात्म पर्व व्याख्यानमाला आयोजित

भिण्ड, 02 मई। मप्र जन अभियान परिषद (योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग मप्र शासन) विकास खण्ड रौन द्वारा जनपद सभागार रौन में आदिगुरू शंकराचार्य की जयंती के उपलक्ष्य में एकात्म पर्व आचार्य शंकर जीवन दर्शन व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन श्रीश्री 1008 राणानंद जी सरस्वती, श्रीश्री 1008 रंजीतानंद जी सरस्वती, श्रीश्री 1008 कुंजबिहारीदास जी महाराज, मण्डल अध्यक्ष भाजपा अवधेश बघेल के मुख्य आतिथ्य एवं जन अभियान परिषद के ब्लॉक समन्वयक जयप्रकाश शर्मा के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ शंकराचार्य एवं भारतमाता के छाया चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
इस अवसर पर ब्लॉक समन्वयक जयप्रकाश शर्मा ने कहा कि शासन की मंशा अनुरूप शंकराचार्य की जयंती पर उनके विचारों को नीचे तक ले जाने हेतु इस प्रकार के आयोजन किए जाते हैं। उन्होंने एकात्म पर्व का उद्देश्य एवं कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए स्वागत भाषण पढ़ा। नवांकुर संस्था से वीपी त्यागी ने कहा कि मप्र जन अभियान परिषद समाज को शासन के साथ जोडऩे के लिए कार्य कर रही है, यह देश को आगे बढ़ाने के लिए सार्थक कदम है। इस प्रकार के कार्यक्रम से सामाजिक जीवन को दिशा मिलती है।
मुख्य अतिथि की आसंदी से संत श्री 1008 राणानंद जी सरस्वती ने अपने उद्बोधन में कहा कि शंकराचार्य ने भारत को अद्वैत वेदांत का दर्शन कराया है। शंकराचार्य का जन्म आज से 788 वर्ष पूर्व हुआ। उन्होंने अपनी अल्प आयु सन्यास गृहण कर 32 वर्ष की आयु तक पूरे सनातन को एक सूत्र में बांधने के लिए भारत भ्रमण करके चार मठों की स्थापना की। जिसने भारत को पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण जोडऩे का काम किया है। आज हमें भारतीय संस्कृति को पहचानें की आवश्यकता है।
सिद्धबाबा मन्दिर के संत श्री 1008 रंजीतानंद जी सरस्वती ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मात्र आठ वर्ष की आयु में आदिगुरू शंकराचार्य जी ने सभी वेदों का ज्ञान प्राप्त कर लिया था। शंकराचार्य जी ने गोवर्धन पुरी मठ, श्रीगिरी पीठ, शारदा मठ और ज्योतिरणमठ की स्थापना की। बालाजी मन्दिर के संत श्री 1008 कुंजबिहारी दासजी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि समाज में धर्म का जागरण करते हुए शंकराचार्य जी के विचारों को आगे ले जाना है, समाज में सामाजिक समरसता का भाव लाना हैं।
अवधेश बघेल ने कहा कि जन अभियान परिषद अपनी प्रस्फुटन समितियां, एसडब्ल्यू एवं एमएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम के द्वारा शासन की जन कल्याणकारी योजना के साथ-साथ महापुरुषों के विचारों को भी नीचे तक ले जाने का काम कर रहा हैं। इस प्रकार के आयोजन से ग्रामीण जनों में निश्चित ही जागृति आएगी। कार्यक्रम का संचालन प्रेम नारायण बरुआ और आभार प्रदर्शन डॉ. शिवेन्द्र सिंह ने किया। इस अवसर पर नरेश त्यागी, वीपी त्यागी, अनिल बोहरे, निशा राजावत, मनोज शर्मा, प्रमोद तिवारी, रामबीर राजावत, नरेन्द्र सिंह, रायसिंह, अमित गोस्वामी, शर्मिला शर्मा, शिवराम सीरोठिया सहित प्रस्फुटन समिति, नवांकुर संस्था, मेंटर्स एवं सीएमसीएलडीपी के छात्र-छात्राओं सहित लगभग एक सैकड़ा लोगों की भागीदारी रही।