हिमाचल प्रदेश के खेरीधाम (हमीरपुर) में चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा
खेरीधाम/हमरीपुर, 05 अप्रैल। प्रार्थना में प्रेम आवश्यक है, प्रेम है तो आवाज परमात्मा तक पहुंचेगी। देवों के देव भगवान महादेव अगस्त के यहां कथा सुनने आए। भोलेनाथ ने अगस्त से कहा हम कथा सुनने आए हैं। ऋषि अगस्त ने सम्मान दिया, भाव दिया, गदगद हुए। यह उद्गार भागवताचार्य देवी संध्या जी ने खेरीधाम (हमीरपुर) हिमाचल प्रदेश में चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा में दूसरे दिन बुधवार को व्यक्त किए। यह श्रीराम कथा आगामी 12 अप्रैल तक चलेगी।
भागवताचार्य देवी संध्या जी बताया कि सती मां को पूजा में भ्रम पैदा हो गया। जो बड़ा होता वही बड़प्पन दे पाता है। जिसने आपको बड़प्पन दिया वह सदैव बड़ा है। रामजी नीचे बैठते थे, बंदर ऊपर बैठते थे। भगवान भक्तों को बड़ा बनाते हैं, भगवान श्रीराम ने दूसरों को हमेशा बड़प्पन दिया। देवी जी ने कथा नहीं सुन पाई, देवी जी भोलेनाथ के साथ तो थीं, किंतु कथा का श्रवण नहीं कर पाईं। शंकर जी ने रामजी को छिप कर प्रणाम किया, किंतु सती ने देख लिया, माता सती को भ्रम पैदा हुआ। सती ने कहा कि आप किसे प्रणाम कर रहे हो। शिव ने कहा यह हमारे प्रभु हैं। यही तो हमारे राम हैं। इन्हीं की कथा को अगस्त जी से सुनकर आए हैं, ऐसा सती को भोलेनाथ ने बताया। सती के बिजली कौद गई है। माता सती सीता के रूप में, श्रीराम ने उन्हें माता से संबोधन किया। सती श्रीराम का प्रताप देख कर अब घबड़ाने लगीं। सती सोचने लगीं कि अब महादेव को क्या जवाब देंगे। सती से महादेव ने कहा कि परीक्षा ली या नहीं। प्रभु गई तो थी किंतु कोई परीक्षा नहीं ली। शंकर ने ध्यान लगाया तब सती सीता मैया के रूपमें दिखीं। सती ने झूठ भी बोल दिया। भोलेनाथ ने कहा सीता हमारी माता अब पत्नी के रूप में कैसे स्वीकार कर लूं।
यह आध्यात्मिक कार्यक्रम ब्रह्मज्ञानी बहिन साध्वी पूर्णमा देवी महाराज के सानिध्य में प्रतिवर्ष आयोजित होता है। कथा के आयोजक संतोष जी रागड़ा हैं। भागवताचार्य देवी संध्या जी की कथा में भारी संख्या में भक्तगण पहुंच रहे हैं। जिसमें श्री स्वामी नारायण पुरी जी महाराज हीरा आत्म आश्रम पंजोआ हिमाचल प्रदेश प्रमुख रूप से शामिल हुए। श्रीराम कथा में प्रतिदिन लंगर (भण्डारा) चलता है। कर्नल संतोष रांगड़ा व समस्त गांव वासियों ने श्रीराम कथा आयोजन में बाहर से आए लोगों को सम्मानित कर कथा में आने के लिए प्रेरित किया।