नाबालिगा से छेडख़ानी करने वाले आरोपी को पांच वर्ष का कारावास

सागर, 15 फरवरी। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने नाबालिगा के साथ छेडख़ानी करने वाले आरोपी धीरज सिंह पारदी निवासी अंतर्गत थाना सानौधा को दोषी करार देते हुए धारा 354 भादंवि के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 9(एम), सहपठित धारा 10 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 15 सितंबर 2017 को शिकयतकर्ता (पीडि़ता के पिता) ने पुलिस चौकी शाहपुर थाना सानौधा में रिपोर्ट लेख कराई कि 14 सितंबर 2017 को लकड़ी बेचने चला गया था, घर पर लड़की (पीडि़ता) को छोड़ गया था, जब जंगल से लौटा तो रात में उसकी लड़की ने बताया कि जब वह स्कूल जा रही थी तो रास्ते में एक आदमी मिला, तो उसे प्रसाद लेने के बहाने बुला लिया और उसे 50 रुपए दिए, फिर उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा, तो वह चिल्लाने लगी तो वह आदमी उसे छोड़कर भाग गया। बाहर एक आदमी मिला था जिन्होंने उसे बचाया था। पीडि़ता का पिता बात सुनकर उसे मौके पर ले गया तो पीडि़ता ने उसे एक अधबने मकान में उसके साथ बुरी नियत से छेडख़ानी करना बताया। वहीं पर देवेश सिंह नामक व्यक्ति मिला तो उनसे पूछा, तो देवेश सिंह ने पीडि़ता को पहचान लिया, तब पीडि़ता बोली कि पापा इन्होने ही मुझे बचाया था। देवेश सिंह ने उसे बताया कि जिस आदमी ने पीडि़ता के साथ बुरी नियत से छेडख़ानी की थी उसका नाम धीरज सिंह पारदी है व पीडि़ता के साथ हुई घटना का हाल भी सुनाया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने में प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विचेना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए। घटना स्थल का नक्शा, मौका तैयार किया गया एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सानौधा पुलिस ने अभियुक्त के विरुद्ध अपराध भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 354, 354(क) 174(क) व पाक्सो एक्ट 2012 की धारा 9(उ)/10 का दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।