कभी भिण्ड में थी दस्युओं की दहशत, लेकिन अब शिक्षा का बोलबाला

युवाओं ने खोली डिजिटल लाइब्रेरी

भिण्ड, 07 फरवरी। भिण्ड जिला कभी डाकुओं से घिरा रहता था, यहां दस्युओं के डर से लोग घरों में कैद रहते थे, लेकिन डाकुओं के सफाए के बाद अब यह क्षेत्र तरक्की कर रहा है। शिक्षा के मामले में यहां के छात्र लगातार बाजी मार रहे हैं। इसी क्रम में भिण्ड के छात्रों ने शैक्षणिक सुधार के लिए डिजिटल लाइब्रेरी खोली है, यहां हर दिन सैकड़ों छात्र और युवा अलग-अलग बैठ कर तैयारी करते हैं।
इस लाइब्रेरी के संचालक सदस्यों में से एक भिण्ड के अमित सिंह कुशवाह बताते हैं कि हमने दिल्ली, भोपाल, इंदौर में देखा है कि घर में एकांत और शांति नहीं मिलने पर बच्चे लाइब्रेरी में पढऩे जाते हैं। यहां पठन-पाठन कर वो हर तरह की प्रतियोगिताओं की तैयारी करते हैं। इसको देखते हुए हमने विचार किया कि अपने शहर में भी कुछ इस तरह का प्रयास किया जाए। हमने भिण्ड में एक लाइब्रेरी खोली है जहां पूरा काम डिजिटल होता है। बच्चों और किताबों की एंट्री डिजिटली की जाती है, लाइब्रेरी के रख-रखाव के लिए छात्रों से नाम मात्र का शुल्क लिया जाता है। शहर में खुली इस डिजिटल लाइब्रेरी को लेकर छात्रों में काफी उत्साह है। वो इसका पूरा लाभ ले रहे हैं।

छात्र रूपेन्द्र सिंह ने बताया कि वो कॉम्पीटिशन की तैयारी कर रहे हैं, भिण्ड जिले में इस तरह की यह पहली डिजिटल लाइब्रेरी है, जिसमें छात्राओं को बेहतर माहौल मिल रहा है। हम दो से तीन घण्टे यहीं बैठ कर रोज तैयारी करते हैं, ऑनलाइन क्लास भी यहीं से अटेण्ड कर लेते हैं। इसके अलावा यहां अन्य छात्र-छात्राएं भी आते हैं। अलग-अलग विषयों पर साथ में बैठकर एक-दूसरे से सीखने और समझने का मौका भी मिलता है।