वेदांत प्लास्टिक फैक्ट्री में कटा श्रमिक का हाथ, थाने में की शिकायत

भिण्ड, 07 फरवरी। औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में संचालित वेदांत प्लास्टिक लिमिटेड कंपनी में काम करते समय एक नाबालिग श्रमिक का हाथ कट कर अलग हो गया और हाथ का आगे का हिस्सा मशीन में ही पिस गया। जिससे श्रमिक बुरी तरह जख्मी हो गया है। उपचार के बाद नाबालिग श्रमिक सोमवार को परिजनों के साथ थाने पहुंचा और कंपनी मालिक के विरुद्ध लिखित शिकायत की है।

नाबालिग श्रमिक की मां उमा गुर्जर ने बताया कि हम आदित्यपुरम ग्वालियर में रहते हैं, मेरे 17 वर्षीय बेटे पारस गुर्जर को मेरे पड़ोस में ही रहने वाले एक युवक ने हल्का काम कराने के बहाने मालनपुर में संचालित वेदांत प्लास्टिक प्लास्टिक लिमिटेड कंपनी में काम पर लगा दिया था, वह हर रोज की तरह एक फरवरी को कंपनी में ड्यूटी करने गया था तो फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा उसे कचरा रीसायकल करने वाली मशीन पर लगा दिया गया, जबकि उसने कंपनी प्रबंधन से मशीन पर काम करने से मना कर दिया और कहा कि मुझे मशीन के विषय में कोई जानकारी नहीं है, मैं मशीन पर काम नहीं कर सकता। तो फैक्ट्री प्रबंधन ने जबरन मेरे बेटे से बगैर सुरक्षा उपकरणों के मशीन पर काम कराया, जिससे उसके साथ हादसा हो गया और मशीन में हाथ चला गया, कटकर अलग हो गया। जिससे मेरा बेटा बुरी तरह लहूलुहान होकर जख्मी हो गया। फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा मालनपुर शासकीय अस्पताल में उपचार कराने के बाद हमें अपने हाल पर छोड़ दिया है। प्रबंधन द्वारा ना तो मेरे बेटे का उपचार कराया जा रहा है और ना ही किसी प्रकार की कोई सहायता दी जा रही है। जिस कारण मेरे बच्चे का उचित उपचार नहीं हो पा रहा है। उन्होंने फैक्ट्री प्रबंधन पर जबरन 12 घण्टे ड्यूटी कराने का भी आरोप लगाया है एवं थाना प्रभारी को शिकायत कर फैक्ट्री मालिक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।

सुरक्षा चूक के कारण कारखानों में आए दिन होते हैं हादसे

क्षेत्र में संचालित कारखानों में सुरक्षा चूक के कारण आए दिन श्रमिकों के साथ हादसे होते हैं। कई कारखाने ऐसे हैं जो श्रमिक नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाते हैं और सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर श्रमिकों से बगैर सुरक्षा उपकरणों के काम कराया जाता है जिससे श्रमिक हादसे के शिकार हो जाते हैं। जिम्मेदार महकमों में बैठे अधिकारी भी श्रमिक सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है और ना ही कारखानों में श्रमिक सुरक्षा नियम लागू करा पा रहे हैं। फैक्टरी प्रबंधन नियम कायदों को ठेंगा दिखाकर श्रमिकों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।

इनका कहना है-

अभी मैं कुछ भी कहने में असमर्थ हूं, इस संबंध में कल बात करेंगे।
धीरेन्द्र त्रिपाठी, कारखाना प्रबंधक
हमारे यहां फैक्ट्री रजिस्टर्ड नहीं है, आवेदन दें कोर्ट कार्रवाई करेंगे, छोटी फैक्ट्रियों में 10 से अधिक श्रमिक काम करते हैं तो फैक्ट्री एक्ट के तहत जांच कर कार्रवाई करूंगा।
सरदार आनंद राय, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा अधिकारी