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कान्यकुब्ज ब्राह्मण महासभा के भुजरिया मिलन समारोह आयोजित
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कवियों ने किया काव्यपाठ
भिण्ड, 24 अगस्त। भारत की पवित्र भूमि जीवदया की तपोभूमि है, यहां पर जियो और जीने दो का सिद्धांत सर्वमान्य है। त्योहारों का महत्व उसकी मूलभावना को आत्मसात करने में है। रक्षाबंधन का पर्व मानवता की रक्षा का पर्व है। इस शुभ दिन पर हमें मानवता की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए। यह बात राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला ने कान्य कुब्ज ब्राह्मण महासभा भिण्ड द्वारा गीता भवन में आयोजित भुजरिया मिलन समारोह में कही। कार्यक्रम का संचालन कवि अंजुम मनोहर ने किया।
ट्रस्टी ओमप्रकाश शुक्ला ने विषय प्रवर्तन करते हुए महासभा की गतिविधयों पर विस्तार से प्रकाश डाला। ट्रस्टी सत्यदेव पाण्डे ने कहा कि हम सबका दायित्व बनता है कि समाजहित के कार्यों को अबाध गति से जारी रखा जाए। कार्यक्रम में कविता पाठ भी हुआ, जिसमें प्रदीप वाजपेयी युवराज, ऋतुराज वाजपेयी, रामसिया शर्मा करुण, डॉ. शशिबाला राजपूत, प्रदीप दीक्षित, ईशु त्रिपाठी ने कविताएं सुनाईं। कार्यक्रम में संदीप मिश्रा, श्रवण पाठक, महेश मिश्रा, त्रिलोकी नाथ शुक्ला ने महासभा की ओर से कवियों का सम्मान किया। सत्यदेव पाण्डे, ओमप्रकाश शुक्ला ने नगर के प्रतिष्ठित व्यापारी निर्मलचंद जैन का सम्मान किया। अंत में महासभा के दिवंगत ट्रस्टी सुदर्शन स्वरूप मिश्रा, गोपाल मिश्रा तथा छोटेलाल मिश्रा को दो मिनिट का मौन रखकर श्रृद्धांजली दी गई।