खनेता धाम में सनातन धर्म महासगागम का चौथा दिन
भिण्ड, 02 फरवरी। खनेताधाम में आयोजित सनातन धर्म महासगागम में जगतगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद जी ने कहा कि तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरित मानस कोई साधारण ग्रंथ या उपन्यास नहीं है कि कोई इसे जला दे। बड़े-बड़े विद्वान रामचरित मानस को पढ़कर ईश्वर की स्तुति करते हैं, इस घटना को करने वाला कभी सुखी नहीं रह सकता, भगवान उसको सद्बुद्धि दे।
उन्होंने कहा कि बागेश्वर महाराज धीरेन्द्र शास्त्री जिन पर हनुमान जी की कृपा है और वो मानव समाज का भला कर रहा है तो लोगों को परेशानी हो रही है। हम बागेश्वर महाराज के साथ है और उनसे संबंधित किसी का कोई प्रश्न हो उसका जवाब मैं दूंगा। उन्होंने कहा कि आज घर में गाय व वृद्ध दिखाई ही नहीं दे रहे हैं, प्रदेश में गौशाला तो बनाई जा रही हैं, लेकिन गाय घर के खूटे पर बंधे इसके प्रयास क्यों नहीं हो रहे, घर में बुजुर्गों का सम्मान नहीं हो रहा, उन्हें अनाथालय भेजा जा रहा है, जब तक हम अपने हाथों से गायों व घर के बुजुर्गों की सेवा नहीं करेंगे, तो अपनी संस्कृति की रक्षा कैसे होगी।
जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ जी महाराज ज्योर्तिमठ अवांतर भानपुरा पीठ ने कहा कि आज हम अपनी संस्कृति भूल गए हैं, हमारे घर में पहली रोटी गाय की होती है, लेकिन अब रोटी निकलना बंद हो गई है, घर में हर व्यक्ति का दायित्व है, लेकिन सभी लोग अपने दायित्वों को भूल गए।
मप्र गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी श्री अखिलेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि भारत कभी धर्म निरपेक्ष राष्ट्र नहीं हो सकता, संविधान में बिसंगतियों को दूर करना चाहिए, सत्ता में बैठे लोगों के लालची होने के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है, अनकूल विचारधारा की सरकार होने पर भी संतुष्ट नहीं हूं, अनर्गल प्रलाप हो रहे है, हमें ललकार रहे हैं, भारतीय संस्कृति की सर्वत्र सम्मान हो रहा हैं, लेकिन हमारे देश में अपमान हो रहा है।
यह संत रहे मंचासीन
श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामभूषण दासजी महाराज के सानिध्य में आयोजित सनातन धर्म महासगागम में जगद्गुरू शंकराचार्य श्रीमद् स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज ज्योर्तिमठ बद्रिकाश्रम (हिमालय), श्री पीपाद्वाराचार्य बाबा बलराम दासजी महाराज श्रीधाम वृन्दावन उपस्थित रहे।