बेरोजगारों के साथ खिलवाड़, नौकरी देने के नाम पर वसूली : डॉ.गोविन्द सिंह

भिण्ड, 02 जनवरी। मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार नौकरी देने के नाम पर युवा बेरोजगारों से आवेदन शुल्क के लाखों रुपए वसूल कर रही है। सरकार बताए कि वह अभी तक कितने युवाओं को सरकारी सर्विस दे चुकी है। उन्होंने कहा कि विगत तीन वर्ष में हुई 42 परीक्षाओं में मप्र कर्मचारी चयन मंडल ने प्रदेश के बेरोजगारों से 113 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वसूल कर ली और रोजगार देने के नाम पर ठन ठन गोपाल।
डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक लाख पदों पर भर्ती करने का एलान तो कर दिया। लेकिन धरातल पर भर्ती प्रक्रिया कछुए की चाल से चल रही है। प्रदेश में बेरोजगारी दर 1.4 प्रतिशत है, मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में बड़ी संख्या में बेरोजगार युवकों ने पंजीयन कराया है। जिनकी संख्या दो करोड़ के करीब है। प्रदेश के 53 हजार रोजगार कार्यालयों में पूर्व से 29 लाख से अधिक बेरोजगार युवाओं के नाम दर्ज थे, अब इनकी संख्या बढ़कर दो करोड़ से अधिक हो चुकी है। यह सिलसिला लगातार जारी है। डॉ. सिंह ने कहा कि शासन के निर्देशों के बावजूद प्रदेश के 56 विभागों में रिक्त पदों की जानकारी जुटाने में ही लम्बा समय लगा दिया गया। दिसंबर 2022 में विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश के 56 विभागों ने एक लाख 14 हजार 114 पद रिक्त बताए गए हैं, यह सोचने वाली बात है। इतनी बड़ी संख्या में रिक्त पड़े पदों के बाद भी सरकार सोती क्यों रही।
डॉ. गोविन्द सिंह ने अपने बयान में कहा है कि प्रदेश का पढ़ा लिखा युवा दर-दर की ठोकरें खाता फिर रहा है, लेकिन उन्हें कहीं भी रोजगार नहीं मिल रहा है। माता-पिता ने लाखों रुपए खर्च कर अपने बेटों को इस काबिल बनाया की सरकारी नौकरी लगने के बाद उनका बेटा बुढ़ापे का सहारा बनेगा, लेकिन यहां तो युवा आत्महत्या करने को मजबूर हो गया है। न तो वह मां-बाप का सहारा बन पा रहा है और न ही वह अपने बच्चों का पेट भर पा रहा है। इन हालातों में आज का युवा गलत कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि नौकरी देने की फर्जी घोषणाओं पर ही लाखों के विज्ञापन देना बंद करे सरकार।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा है कि जिन युवा बेरोजगारों की सर्विस नहीं लगती, उन आवेदनकर्ताओं का आवेदन शुल्क सरकार व विभाग को वापस कर देना चाहिए। सरकार करोड़ो रुपए आवेदन शुल्क के नाम पर ही जमा करा लेती है, जिससे बेरोजगार युवा अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन देख कर बेरोजगार युवा नौकरी के लिए आवेदन करता है और जब उसका सिलेक्शन नहीं होता तो वह अपनी जीवन लीला भी समाप्त कर लेता है। डॉ. सिंह ने कहा कि रोजगार कार्यालय सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं, रोजगार कार्यालयों में बेरोजगारों की संख्या बढ़ती चली जा रही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार थोथी घोषणाएं करना बंद कर युवाओं को नोकरी दे ताकि प्रदेश का युवा अपने पैरों पर खड़ा हो सके।