प्रतापपुरा में बनेगा भगवान परशुराम का भव्य मन्दिर

ब्राह्मण एकता रंग लाई, दो गुट हुए एक

भिण्ड, 01 जनवरी। अटेर के प्रतापपुरा गांव में दो जगह ब्राह्मण सम्मेलन बुलाया गया था और दोनों तरफ से अपने-अपने नेताओं को जिले से सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया। जिस स्थल पर ये सम्मेलन हुआ वहां पर पहले से ही भगवान शंकरजी और दुर्गा माता के मन्दिर थे और कई बार धार्मिक आयोजन हो चुके थे। सरपंच विजय बिधौलिया ने वहां पर स्वल्पाहार की व्यवस्था की, वहीं पप्पू भटेले ने लोगों को अपने यहां आमंत्रित कर रखा था, उनको भी उसी स्थल पर बुलाया गया और फिर एक मंच पर जिले के सभी ब्राह्मण समाज के नेता आसीन हुए। कार्यक्रम में सत्यनारायण शर्मा, नमोनारायण दीक्षित, बाबा भगवानदास सेंथिया ने भगवान परशुराम के मूर्ति पर माल्यार्पण किया और फिर अपने-अपने संबोधन के द्वारा दोनों गुटों में एकता स्थापित करने का प्रयास किया गया। अंत में दोनों गुटों ने एकमत होकर उसी स्थल पर भगवान परशुराम का भव्य मन्दिर बनाने का निर्णय लिया, जिसके लिए सभी ने आर्थिक सहयोग करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर ब्राह्मण समाज की एक कमेटी नियुक्त करने हेतु मनोज दैपुरिया को संयोजक नियुक्त किया गया। मंच पर उपस्थित नेताओं में सत्यनारायण शर्मा, नमोनारायण दीक्षित, ब्राह्मण समाज के जिलाध्यक्ष भगवासदास सेंथिया बाबा, मनोज दैपुरिया, डॉ. श्रीनारायण दैपुरिया मधैयापुरा रहे।
इस अवसर पर लोगों ने भगवान परशुराम के जीवन और उनके सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें समझना चाहिए कि किसी समय ब्राह्मण ही देश का संचालन करते थे, राजा कोई भी हो, लेकिन मंत्री ब्राह्मण ही होता था और उसके ऊपर राज्य का कार्यभार दिया जाता था। देश पर जब आक्रमण हुआ तब भी प्रशासन ब्राह्मणों के हाथ में ही रहा, इतिहास गवाह कि देश के प्रधानमंत्री से लेकर राज्यों के मंत्रीमण्डल में विद्वता और ज्ञान के कारण सभी पद ब्राह्मणों के ही पास थे, परंतु हमने अपने ब्राह्मणत्व को खोकर वे सब गुण भुला दिए, जिनके कारण ब्राह्मणों की पूजा होती है। हम आपस में ही एक दूसरे के दुश्मन होने लगे और एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए तत्पर रहने लगे, हमने ऐसे लोगों के साथ संबंध बनाए जो ब्राह्मणों को उनके ब्राह्मणत्व से नीचे गिराकर खुद को समाज में प्रतिष्ठित करने में जुट गए, आज हमारे जिले की जो स्थिति है उसमें सभी वर्गों से नीचे की श्रेणी में ब्राह्मण ही रह गया है, चाहे वो राजनीति तथा अन्य पद हों, सबसे नीचे के पयदान पर पहुंच गए। हमें फिर से अपनी खोई हुई शक्ति को एकत्रित करना है और फिर से चाहे वो राजनीति हो, धर्म हो संकायों में और निकायों में स्थिति सुधारनाा पड़ेगी और पहले जब ब्राह्मणों के कारण भारत विश्वगुरू कहलाया था वही क्षमता प्राप्त करनी होगी।
इस अवसर पर भगवान परशुराम के शौर्य और प्रसिद्धी के ऊपर कविता पाठ भी हुआ। सैकड़ों की संख्या में एकत्रित हुए ब्राह्मणों ने संकल्प लिया कि ब्राह्मणों को अलग-अलग नहीं करना है, बल्कि सर्व ब्राह्मण समाज मन्दिर का निर्माण करेंगे और उसकी पूजा अर्चना के लिए सभी का सहयोग प्राप्त होता रहे। आए हुए लोगों का सरपंच विजय बिधौलिया ने आभार व्यक्त किया और रवि बिधौलिया ने जनसभा को संबोधित किया। आभार व्यक्त ब्राह्मण समाज के ब्लॉक अटेर के ब्लॉक अध्यक्ष ने किया।