शासकीय कार्य में बाधा डालने वाले वाले दस आरोपियों को एक-एक वर्ष की सजा

ग्वालियर, 19 दिसम्बर। न्यायिक मजिस्ट्रेट ग्वालियर सुश्री उपमा भार्गव के न्यायालय ने शासकीय कार्य में बाधा डालने वाले आरोपीगण रुस्तम सिंह, वीरसिंह, विजय सिंह, मोहर सिंह, सुरेश, नीकाराम, टीकाराम सिंह, मंगल सिंह, द्वारिका प्रसाद, जसमंत सिंह, निवासीगण ग्राम गुर्री मुरार को धारा 147, 332/149 भादंवि में एक-एक वर्ष सश्रम कारावास एवं 300 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी कर रहे सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी पवन कुमार शर्मा ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी प्रेमकुमार वर्मा ने थाने पर उपस्थित होकर मौखिक सूचना दी कि वह विद्युत विभाग उटीला में जेई के पद पर पदस्थ है। ग्राम गुर्री के गेंदोलाल जाटव व नेहनेराम जाटव के बोर अवैध कनेक्शन बिजली का डालकर चलाने की सूचना मिल रही थी। 10 फरवरी 2014 को वह और उसके स्टाफ के डीबी सोनी, कनिष्ठ यंत्री भारत सिंह, लालसिंह, भगवान सिंह, सहायक लाईनमेन रघुवीर, लाईन इंस्पेक्टर मुरार बृजमोहन, सुरक्षा सैनिक राजेश यादव व देवाराम सभी ग्राम गुर्री में अवैध कनेक्शन चैक करने हेतु गेंदालाल जाटव के बोर पर पहुंचे, चैक कर ही रहे थे कि उसी समय ग्राम गुर्री के रुस्तम, टीकाराम, मंगल सिंह, द्वारिका, मोहर सिंह, सुरेन्द्र, वीरसिंह, नीकाराम, विजय सिंह, जसवंत सिंह, नेहनेराम, गेंदालाल, परमाल, सुरेश व भीमा जाटव एकराय होकर दिन के लगभग साढ़े तीन बजे आए और गुस्से में बोले यहां पर पम्प चैक नहीं करोगे, गाली गलौच करने लगे, तब उन सभी ने उन्हें काफी समझाया, परंतु वे नहीं माने और उन्हें शासकीय कार्य नहीं करने दिया तथा शासकीय कार्य करने में बाधा उत्पन्न की। उसके हाथ का लिखा हुआ प्रारूप चार पंचनामा छीन लिया और मारने को तैयार हो गए। उसके बाद सभी लोगों ने उनके साथ मारपीट की, जब वे लोग वहां से चलने लगे तो उसी समय सहायक लाईनमेन रामनाथ सिंह भी आ गया था तथा मौके पर ग्राम गुर्री के अन्य लोग भी आ गए थे, जिन्होंने घटना देखी। फिर उसने अधिकारियों से चर्चा की और उसके बाद वह थाने आया। सूचनाकर्ता/ फरियादी की रिपोर्ट पर थाना उटीला में अपराध क्र.17/2014 पंजीबद्ध कर अपराध विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान घटना स्थल का नक्शा मौका, सूचनाकर्ता तथा अन्य साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए। विवेचना दौरान अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया। न्यायालय ने अभियोजन साक्ष्य एवं गवाहों से सहमत होकर आरोपीगणों को सजा सुनाई है।