वृक्षों की गर्डलिंग करने वाले आरोपी को एक वर्ष का सश्रम कारावास

रायसेन, 15 दिसम्बर। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गौहरगंज, जिला रायसेन श्री गौरव अग्रवाल के न्यायालय ने रातापानी अभ्यारण वन क्षेत्र में वृक्षों के सुखाने के उद्देश्य से कुल्हाड़ी से वृक्षों की गर्डलिंग करने वाले आरोपी संतोष आदिवासी पुत्र मौजीलाल आदिवासी उम्र 42 वर्ष निवासी ग्राम जोदरा, तहसील गौहरगंज, जिला रायसेन को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 27, सहपठित धारा 51 में छह माह का सश्रम कारावास एवं धारा 29, सहपठित धारा 51 में दोषी पाते हुए एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1500 रुपए जुर्मान से दण्डित किया है। इस मामले में मप्र राज्य की ओर से सहायक लोक अभियोजन अधिकारी तहसील गौहरगंज लोकेन्द्र कुमार द्विवेदी ने पैरवी की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती शारदा शाक्य के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि वन दल नौ नवंबर 2017 को बीट दिवटिया के वन कक्ष क्र. पी.एफ.955 का भ्रमण कर रहे थे, तभी एक व्यक्ति कुल्हाड़ी से हरे वृक्षों की गर्डलिंग कर रहा था, जिसे घेराबंदी करके पकड़ा और उससे पूछताछ की गई, जिसमें उसने अपना नाम संतोष पुत्र मौजीलाल आदिवासी होना बताया और यह भी बताया कि वह, प्रतिदिन सुबह-शाम के समय वृक्षों की गर्डलिंग करता था और लगभग 100 वृक्षों की गर्डलिंग की जा चुकी थी। आरोपी विगत 10-15 दिन से सुबह-शाम जंगल में गर्डलिंग करते हुए 100 वृक्ष सागौन, साज एवं अन्य प्रजाति के वृक्षों को सुखने की कोशिश कर रहा था, जिससे उनकी लकड़ी बेच सके। वन दल द्वारा मौके पर मौका पंचनामा तैयार किया जाकर, अभियुक्त के विरुद्ध वन अपराध पंजीबद्ध किया गया। अनुसंधान के दौरान जब्ती पंचनामा एवं बेदखली पंचनामा बनया गया। अनुसंधान के दौरान अभियोजन साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए तथा घटना स्थल का मानचित्र बनाया गया और बीट मेप से नक्शा तैयार किया गया। अनुसंधान के दौरान अभियुक्त का कथन लेख किया जाकर, अभियुक्त को गिरफ्तार कर गिरफ्तारी पंचनामा बनाया गया। प्रकरण में शेष संपूर्ण अनुसंधान उपरांत आरोपी के विरुद्ध यह परिवाद पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।