कविताएं समाज का मार्गदर्शन करती हैं : रसाल सिंह

श्रीमती सुशीला देवी स्मृति अभा कवि सम्मेलन आयोजित

भिण्ड, 06 दिसम्बर। शहर के प्रसिद्ध धर्माचार्य पं. उपेन्द्र नारायण चौधरी की धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला देवी की पांचवी पुण्यतिथि पर भिण्ड में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें धौलपुर राजस्थान के हास्यकवि गोविन्द गुरू, लहार के ओज कवि हरिहर सिंह मानसभृंग, ग्वालियर के ओज कवि हेमंत शर्मा, कालपी के श्यामसुंदर कोमल, रौन के गीतकार डॉ. शिवेन्द्र सिंह शिवेन्द्र, भिण्ड के लेखक कवि डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला तथा मनोज स्वर्ण आदि ने अपनी कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सम्मेलन के मुख्यअतिथि पूर्व विधायक रसाल सिंह, विशिष्ट अतिथि नगर परिषद मिहोना के पूर्व अध्यक्ष संतोष बौहरे तथा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुखदेव सिंह सेंगर थे। अध्यक्षता रिटायर्ड एसडीओ डॉ. अनिल शर्मा ने की। अन्य अतिथियों में जन अभियान परिषद रौन के ब्लॉक समन्वयक जयप्रकाश शर्मा, मुकेश मिश्रा एवं ओपी पचौरी थे। संचालन मिहोना से पधारे साहित्यकार हरीबाबू शर्मा निराला ने किया।
मुख्य अतिथि पूर्व विधायक रसाल सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि शब्द की शक्ति अपार होती है, इसलिए शब्द को ब्रह्म कहा गया है। कवियों के मुख से निकला हुआ एक-एक शब्द अत्यंत प्रभावशाली होता है। इनकी सारगर्भित कविताओं से समाज को दिशा मिलती है। इस तरह के आयोजन निरंतर होते रहने चाहिए। कवि सम्मेलन में धौलपुर राजस्थान से पधारे गोविंद गुरु ने कहा कि यह बेटी तो प्यारी है ओ मैया, तू हत्यारी है। जौरा मुरैना से पधारे अखिलेश शर्मा ‘अखिलÓ ने अपनी रचनाओं के माध्यम से सभी को भावविभोर किया। उनकी पंक्तियां देखिए, हम आर्यपुत्र हैं हम आर्यपुत्र हैं। सनातनी अपनी गाथा है, और सनातन हैं। इसके पश्चात ग्वालियर से पधारे वीररस के सशक्त हस्ताक्षर हेमंत शर्मा की बारी आई, उन्होंने अपने कविता के माध्यम से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी पंक्तियां देखिए- रोते आज कृषक बेचारे रोती भारत माता है, जो सबका पालन करता है वह फांसी पर चढ़ जाता है। अंत में कार्यक्रम के आयोजक राकेश चौधरी ने कवियों का शाल, श्रीफल देकर सम्मानित करते हुए आभार व्यक्त किया।