पशुपालन की आधुनिक तकनीक ग्रामीण अर्थ व्यवस्था में परिवर्तन लाने में सक्षम : तोमर

सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों का तीन दिवसीय नेतृत्व विकास प्रशिक्षण मेहगांव में आयोजित

भिण्ड, 14 अक्टूबर। जिला सहकारी संघ मर्यादित भिण्ड के तत्वावधान में राष्ट्रीय सहकारी शिक्षा केन्द्र नई दिल्ली के सहयोग से चिलर प्लांट मेहगांव से संबंधित दूध उत्पादक सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों का तीन दिवसीय नेतृत्व विकास प्रशिक्षण का आयोजन शिव शक्ति गार्डन मेहगांव में किया गया। जिसका उद्घाटन सहकार भारती के वरिष्ठ पदाधिकारी निर्देशक भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ अरुण सिंह तोमर ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कार्य किया।
मुख्य अतिथि तोमर ने ग्रामीण विकास का मूल आधार सहकारिता पद्धति को बताया। उन्होंने कहा कि सहकारिता संस्थाओं में प्रशिक्षण अति आवश्यक एवं निरंतर चलती रहने वाली विद्या है, ताकि संस्थाएं अपने व्यवसाय में समय अनुसार परिवर्तन तथा परिवर्धन कर सकें ताकि परिवर्तन प्रवेश में वह अपनी पहचान कायम रख पाएगी।


इस अवसर पर ओपी दुबे लहारिया ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि स्थानीय शीत केन्द्र पर क्षमताभर दूध का उत्पादन नहीं हो पा रहा है, निजी व्यापारियों द्वारा दूध की गुणवत्ता से खिलवाड़ किया जा रहा है, इसीलिए अधिक से अधिक ग्रामीण किसान दूध संस्थाओं से जुड़कर अपना उपार्जित दूध संस्थाओं को विक्रय करें। कार्यक्रम में एनएस भदौरिया ने सहकारिता अर्थ है परिभाषा, सिद्धांत एवं परिवर्तन परिदृश्य में सहकारिता के समक्ष चुनौतियों के विषय पर विस्तृत रूप से जानकारी दी। शीत केन्द्र प्रबंधक ओमप्रकाश सिंह भदौरिया ने दुग्ध संघ से संबंधित जानकारी दी। आभार प्रदर्शन पेपर प्रबंधक जिला सहकारी संघ मर्यादित भिण्ड राजकुमार शर्मा ने किया।