आलमपुर, 30 सितम्बर। भिण्ड जिले में आलमपुर का सरकारी पशु अस्पताल शुक्रवार दोपहर पौने दो बजे बंद मिला। इस कारण पशु पालक अपने बीमार पशुओं का इलाज नहीं करा पाए और बिना इलाज कराए ही उन्हें वापिस लौटना पड़ा। जबकि अस्पताल खुलने समय सुबह नौ बजे और बंद होने का शाम चार बजे का है। अस्पताल के गेट पर ताला लगा हुआ था और डॉ. पवन कुमार राजपूत गायब मिले। जब कॉल करके उनसे अनुपस्थित होने का कारण पूछा गया, तो उन्होंने पास के गांव बीसनपुरा में मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान में शामिल होने की बात कही। हालांकि जब उनसे अभियान के दौरान मौजूद होने के फोटोज मांगे, तो वे नहीं दिखा पाए। इससे साफ तौर पर डॉक्टर की लापरवाही उजागर हो रही है।
ज्यादातर दिनों में अस्पताल रहता है बंद, ग्वालियर में है ठिकाना
स्थानीय रहवासी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अस्पताल बंद होने का मामला ये आज का नहीं है, बल्कि यह सिलसिला बहुत समय से चला आ रहा है। डॉक्टर अपनी मनमर्जी से अस्पताल खोलते और बंद करते हैं। डॉ. राजपूत ज्यादातर दिनों में ग्वालियर में निवास करते हैं। जब कभी आलमपुर आकर एक-दो घण्टे के लिए अस्पताल खोल लेते हैं और समय के पूर्व बंद कर देते हैं। जिससे पशुपालकों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह अस्पताल आलमपुर कस्बे से दो किमी की दूरी पर बनाया गया है। जिससे लोगों को अपने पशुओं को लाने-ले जाने में बहुत परेशानी होती है।
शुक्रवार को बंद मिला अस्पताल
स्थानीय लोगों की शिकायत पर जब संवाददाता बीपी बौद्ध ने आलमपुर के पशु अस्पताल जाकर देखा तो अस्पताल समय के पहले ही बन्द पाया गया। फोन पर बात करने पर डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल खुलने और बंद होने का समय सुबह नौ बजे से शाम को चार बजे तक है। परंतु जब संवाददाता दोपहर 1:45 पर अस्पताल पहुंचे, तो अस्पताल बंद था और कार्यालय सहित औषधि कक्ष पर ताला लगा हुआ था और भृत्य सूरज सिंह रायकवार भी नदारद मिला।