मप्र किसान सभा का भिण्ड तहसील सम्मेलन आयोजित

भिण्ड, 13 सितम्बर। सरकारों की गलत नीतियों के कारण खेती घाटे का व्यवसाय बनता जा रहा है। सरकार की इस नीति के कारण ही आज किसानों का अपना कृषि उपजों के बीज उसके हाथों से निकलकर व्यापारियों के यहां गिरवी हो गए हैं। किसान बीजों के कारण कर्ज के चक्रव्यूह में फंस गया है, सरकारें भी बड़े-बड़े उद्योग पतियों का कर्ज माफ करने में लगी हैं, जबकि किसानों के कर्ज माफ करने की थोथी घोषणा करती है। आज किसान रासायनिक खाद के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है, जिले के दोनों मंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष किसानों की खाद की समस्या पर मौन धारण किए हुए हैं। दूसरी तरफ भिण्ड जिलाधीश खाद भण्डारण की झूठी घोषणा करने में लगे हुए हैं, लेकिन किसान खाद के लिए मोहताज है, इसलिए किसानों को अपना संगठन बनाना होगा, किसानों का सच्चा हितैषी संगठन मप्र किसान सभा है। यह बात मप्र किसान सभा के जिलाध्यक्ष राजीव दीक्षित ने भिण्ड तहसील सम्मेलन के दौरान उद्घाटन करते हुए कही।
भिण्ड तहसील का प्रथम सम्मेलन काशीपुरा में गयाराम सिंह सरपंच की अध्यक्षता में हुआ। सम्मेलन में आगामी तीन साल के लिए एक नई 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष- दलवीर सिंह बघेल, सचिव- बिजेन्द्र सिंह यादव, कोषाध्यक्ष- रामलखन सिंह के अलावा रामनरेश बघेल, अनार सिंह, रामबीर बघेल उपाध्यक्ष एवं राजेश बघेल सहसचिव तथा होतम सिंह, झिंगुरी सिंह, श्याम सिंह, विनोद सिंह यादव कार्यकारिणी सदस्य चुने गए। आगामी वर्षों में पांच हजार किसानों को संगठन से जोडऩे का लक्ष्य रखा गया एवं रासायनिक खाद की समस्या को लेकर शीघ्र आंदोलन करने का निर्णय भी लिया गया।