सेवा ही भाविप की साधना है : गणेश भारद्वाज

भाविप महिला शाखा ने निराश्रित भवन में बुजुर्गों के बीच भोजन एवं वस्त्र वितरण किए

भिण्ड, 03 मार्च। समाज में सेवा का संचार मनुष्य को उसकी मानवीयता का स्मरण दिलाता रहता है। भारत विकास परिषद एक ऐसा उत्कृष्ट संगठन है, जिसमें सेवा करना मूल उद्देश्य एवं साधना है। परिषद की यह महिला इकाई समाज के विभिन्न वर्गों में पहुंचकर अपने सेवा कार्य के माध्यम से लोगों को लाभान्वित कर रही है एवं समाज को अपनी ओर आकर्षित भी कर रही है। यह बात गणेश भारद्वाज ने भारत विकास परिषद महिला शाखा जागृति द्वारा संचालित संस्कृति सप्ताह के पांचवें दिन निराश्रित भवन में बुजुर्गों के बीच भोजन वितरण एवं वस्त्र वितरण के दौरान कही।


महिला शाखा जागृति द्वारा चलाए जा रहे संस्कृति सप्ताह के पांचवे दिन आज समस्त महिला सदस्य निराश्रित भवन पहुंची और घर से निर्मित नाना भांति के व्यंजन तैयार कर ले गई और स्वयं अपने हाथों से बुजुर्गों को भोजन कराया। इस अवसर पर उनकी खुशी देखने लायक थी। सभी शाखा सदस्यों ने मिलकर बुजुर्गों का माल्यार्पण कर स्वागत किया एवं उन्हें अंग वस्त्र भी भेंट किए।
कार्यक्रम संयोजिका रत्ना कुशवाह ने बताया कि सभी बहनें बड़ी उत्सुकता पूर्वक एवं स्नेहपूर्वक भोजन अपने घर से बना कर लाईं और बुजुर्गों के बीच आकर अत्यंत खुशी मिली। परिषद की बहनें प्रति वर्ष संस्कृति सप्ताह में निरीक्षक भवन आकर सेवा कार्य करती रहेंगे। इस अवसर पर कृष्णा पुरोहित का जन्म दिन परिषद की वैदिक रीति रिवाज से मनाया गया, जिसमें कृष्णा पुरोहित ने दीप प्रज्वलित कर इष्ट देव का पूजन किया एवं बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में शाखा अध्यक्ष आभा जैन, ऊषा नगरिया, अरुणा पाठक, दिव्या शिवहरे, सुनीता सोनी, रश्मि भदौरिया, निशा भारद्वाज, पुष्पा चतुर्वेदी, धीरज शुक्ला, संगीत कौशल, मनोज दीक्षित, अनिल जैन आदि उपस्थित रहे।