पंचकल्याणक में आत्मा से परमात्मा, पाषाण से बने भगवान : विराग सागर

पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में भगवान आदिनाथ को हुआ मोक्ष

भिण्ड, 17 जनवरी। भारत गौरव गणाचार्य विराग सागर महाराज के ससंघ एवं मेडिटेशन गुरू विहसंत सागर महाराज के सानिध्य में एवं प्रतिष्ठााचार्य संदीप शास्त्रीश मेहगांव, सतीश शास्त्री दिल्ली के निर्देशन में श्री 1008 मज्जिनेन्द्र आदिनाथ जिनबिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन भक्ति भाव के साथ संपन्न हुआ। जिसमें सोमवार को पंचकल्याणक के अंतिम दिन भगवान आदिनाथ को मोक्ष हुआ।
इस अवसर पर गणाचार्य विराग सागर महाराज ने कहा कि पंच कल्यापणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ में आप सभी ने अनवरत् रूप से भगवान आदिनाथ के पांच दिनों में पांचों कल्याणक देखे, जिसमें एक आत्मा कैसे परमात्मा बनती है, पाषाण कैसे भगवान बन जाता है। यह भगवान बनने की प्रक्रिया कुछ समय में देख ली, हमारा ध्यान भगवान की ओर बना रहा, लेकिन यह नहीं सोचा कि हमें भी भगवान बनना है, हम कब तक संसार में भटकते रहेंगे, पंचकल्योणक को देख करके हमें भगवान बनने की प्रक्रिया मालूम चलती है, हम भी निर्वाण को कैसे प्राप्त करें।


आचार्यश्री ने कहा कि भगवान आदिनाथ ने एक हजार वर्ष तक कठोर तप करके केवल्य ज्ञान (भूत, भविष्यम और वर्तमान) का संपूर्ण ज्ञान प्राप्त करके उन्होंने अपना मौन व्रत तोड़ा और संपूर्ण आर्य खण्ड में धर्म विहार किया और लोगों को उनके कत्र्तव्य और जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्ति पाने के उपाय बताए, अपनी आयु के 14 दिन शेष रहने पर भगवान आदिनाथ हिमालय पर्वत के कैलाश शिखर पर समाधिलीन हो गए, वहीं माघ कृष्ण चतुर्दशी के दिन उन्होंने मोक्ष को प्राप्त किया और उनका शरीर कपूर की भांति जल गया।

गणाचार्य विराग सागर महाराज को मिला भारत गौरव अवार्ड : लालसिंह

महावीर दिगंबर जैन मन्दिर कीर्तिस्तंभ परिसर में पिछले पांच दिनों में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं विश्व शांति महायज्ञ के समापन पर गणाचार्य विराग सागर महाराज द्वारा पिछले कई वर्षों से चलाए जा रहे अहिंसा, व्यवसन मुक्ति, शाकाहार, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता अभियान के अंतर्गत पूरे भारत वर्ष में लगभग 30 लाख लोगों को इस अभियान से जोड़कर जन कल्याण किया। जिसमें संस्कृति युवा संस्था द्वारा 29 दिसंबर 2021 को दुबई में आयोजित कार्यक्रम में गणाचार्य विराग सागर महाराज को भारत गौरव अवॉर्ड से सम्माानित किया गया। यह संस्थाक पिछले 20 वर्षों से भारतीय संस्कृति को संपूर्ण विश्व में विकसित करने हेतु कार्य कर रही है। इसी श्रृंखला में वर्ष 2012 से संपूर्ण विश्व में फैले प्रतिभा संपन्न कार्य किए उन्हें भारत गौरव अवार्ड द्वारा सम्मानित किया गया है। अभी तक यह आयोजन ब्रिटिश, पार्लियामेंट लंदन एवं यूनाइटेड नेशनल में आयोजित होता रहा, इस बार उक्त आयोजन दुबई में आयोजित किया गया। उसमें गणाचार्य के स्थान पर उनके प्रतिनिधि मण्डल को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह गोल्ड मेडल एवं शाल आदि प्रदान कर सम्मासनित किया।


इस अवसर पर भाजपा अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य ने कहा कि गणाचार्य विराग सागर महाराज को मिला, यह भारत गौरव अवार्ड अहिंसा व्यसन मुक्ति शाकाहार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और जिओ और जीने दो का सम्माहन है, लेकिन हमारे निग्रंथ महामुनिराज के सामने यह बहुत छोटा है, क्योंकि भारत की यह भूमि त्यागी तपस्वियों की भूमि है। त्याग तपस्या का सम्मान हो रहा है, जहां की संस्कृति और सभ्यता में शांति जिओ और जीने दो का मंत्र दिया जाता है। उस मंत्र का सम्मान है, गुरूजी को सम्मान मिला है, मुझे लगता है कि भारत भी विश्वस गुरू की ओर बढऩे लगा है, कहीं मैंने सुना था कि 21वीं सदी भारत की सदी होगी। कई चीजें समाने घूम रही है, जिससे लगता है, भारत विश्व गुरू होगा, क्योंकि विश्व की शक्तियां भारत के त्यागी तपस्वियों का सम्मान करें। तो लगता है कि हमारी संस्कृति और सभ्यता आस्था को स्वीकार कर लिया है, यह सम्मान हमारे भारत की 135 करोड़ लोगों का सम्मान है। उन्होंने कहा कि गुरू आचार्य जो कर रहे है, वह अपने लिए नहीं कर रहे बेटी बचाने का काम जो कर रहे है, विश्व कल्याण के लिए कर रहे है, वह पर्यावरण बचाने के लिए कहते है कि पेड़ लगाने के लिए कहते हैं, वह आपको ही ऑक्सीजन देने के लिए कर रहे है, इस प्रकार की साधना इस प्रकार का तप इस प्रकार की प्रेरणा हम सबके लिए कर रहे यह सम्मान है, वह इसके अधिकारी है।
विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने कहा कि आज का यह दिन ही बल्कि जिस दिन उन्हें भारत गौरव अवॉर्ड दिया जा रहा था, वो दिन हमारे भिण्ड वासियों के लिए बहुत बड़ा गौरव का दिन था, ऐसे गणाचार्य विराग सागर महाराज को 14 देशों की कमेटी ने एक साथ मिलकर भारत गौरव अवार्ड दिया है, यह आचार्यश्री के लिए तुच्छ लेकिन हमारे लिए बहुत बढ़े गौरव की बात है। इस अवसर पर डॉ. रमेश दुबे ने भी विचार व्यक्त किए। वहां पर नितिन अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, बच्चीलाल जैन, सुभाष जैन महावीर गंज, सुनील त्रिपाठी, गजेन्द्र सिंह, नवल सिंह भदौरिया, गजेन्द्र सिंह, विश्वप्रताप सिंह भदौरिया, प्रिंस दुबे, जगदीश जैन, राजेन्द्र जैन, प्रभाष जैन, मुकेश जैन, आनंद जैन, चक्रेश जैन, कमलेश जैन, अमित जैन, सुनील शक्कर, उमेश जैन, बॉबी जैन, प्रदीप जैन, विनोद जैन, सीमा जैन, गीता जैन, संगीता पवैया, स्नेहलता जैन आदि उपस्थित थे।