भिण्ड, 13 अक्टूबर। विश्व गीता प्रतिष्ठानम् के गीता स्वाध्याय मण्डल भिण्ड द्वारा चलाए जा रहे घर-घर गीता का प्रचार हो जन अभियान के अंतर्गत सेवा भारती, आनंद धाम वृद्धजन सेवा केन्द्र भिण्ड में गीता स्वाध्याय का आयोजन किया गया। विश्व गीता प्रतिष्ठानम् के जिला संयोजक विष्णु कुमार शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम का प्रारंभ सेवानिवृत नायब तहसीलदार प्रदीप ऋषिश्वर एवं भानु श्रीवास्तव ने भगवान कृष्ण के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। विष्णु कुमार शर्मा ने सस्वर स्वाध्याय पत्र का वाचन किया।
सुभाषित की शिक्षाप्रद प्रस्तुति आचार्य प्रमोद कुमार मिश्रा ने दी। उन्होंने कहा कि पृथ्वी जो कि भगवान विष्णु की भार्या है उन्हें अपना कहना सबसे बड़ी भूल है, इसी भूल के कारण लोग भूमि पर अधिपत्य करने के लिए लड़ते हैं, यह अनुचित है। प्रदीप ऋषिश्वर ने शहर में चलाए जा रहे घर-घर गीता के प्रचार अभियान की प्रशंसा की। उन्होंने गीता महत्व पर प्रकाश डालते हुए गीता से संबंधित स्वयं के जीवन में घटित एक घटना का भी वर्णन किया। भानु श्रीवास्तव ने जोर-शोर से चल रहे गीता के प्रचार अभियान की भूरि-भूरि प्रशंसा की, उन्होंने उपस्थित धर्म प्रेमियों से निवेदन किया कि वह अधिक से अधिक संख्या में लोगों कों जोड़ें। साथ ही उन्होंने गीता के विषय में लोगों को प्रेरणा प्रदान करने वाली बातें कही।
गीता के अध्याय आठ के दस श्लोकों का गायन व व्याख्या ज्ञानेन्द्र सिंह ने की। उन्होंने बताया कि गीता की आठवें अध्याय की प्रारंभ में अर्जुन ने भगवान से 6 प्रश्न पूछे ब्रह्म क्या है, अध्यात्म क्या है, कर्म, अधिभूत, अधियज्ञ, अधि दैव क्या है, अंत समय में प्राणी को यह कलेवर किस तरह छोड़ना चाहिए। इस तरह प्रश्न पूछने के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने इन प्रश्नों के उत्तर अर्जुन को दिए। अंत समय में भगवान का स्मरण रहे इस हेतु अभ्यास योग का आश्रय लेना चाहिए और सदैव भगवान का स्मरण रहना चाहिए। भगवान कहते हैं कि हे अर्जुन शरीर त्यागते समय मनुष्य जिस-जिस भाव का स्मरण करता है वह उस-उस भाव को प्राप्त होता है। उन्होंने अनेक उदाहरणों से गीता के इन सूत्रों को रुचि पूर्वक समझाया जिसे श्रोताओं में बड़े ध्यान से सुना।
मां गीता की आरती एवं प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई। इस अवसर पर आदित्य चौहान इंग्लिश, रघु तोमर, बृजेश शर्मा, महेन्द्र दीक्षित, राजेन्द्र सिंह भदौरिया, रवि जोशी, दुर्गादत्त शर्मा, शिक्षक सौरभ सिंह बघेल, राजकुमार सिंह, अमित सिंह राजावत, आनंद धाम में रहने वाले वृद्धाजन, कर्मचारी और समाज के अन्य बंधु भी उपस्थित रहे।