बेटे से बतरस

– राकेश अचल


सचमुच खतरे में है संविधान बेटा
लोग मिटा देंगे नामो-निशान बेटा
कडवे बोल, बोलते हैं बेशर्मी से
सत्ता में बैठे मंत्री, प्रधान बेटा

सोशलिज्म को ये नासूर बताते हैं
भरते हैं जनता के रोज कान बेटा
नहीं सुहाता इन्हे धर्मनिरपेक्ष कोई
इन्हें चाहिए बस हिन्दू महान बेटा

कसमें खाकर संविधान की घुस आए
सत्ता में लगता है तालिबान बेटा
ये तो खुर्द-बुर्द करने आए हैं सब
रखना होगी मिलकर आन-बान बेटा

इन्हे सनातन रहने की है बीमारी
नहीं सुहाती गुरुवानी, कुरान बेटा
सुनकर बोल वचन संघी गणनायक के
शर्मसार है धरती-आसमान बैटा