-राजनीतिक दलों से अनिराकृत मुद्दों के लिए 30 अप्रैल तक मांगे सुझाव
भिण्ड, 13 मार्च। भारत निर्वाचन आयोग ने कानूनी ढांचे के भीतर चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत बनाने के लिए पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। आयोग ने सभी राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय राजनीतिक दलों से ईआरओ, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी स्तर पर अनिराकृत मुद्दों के लिए 30 अप्रैल तक सुझाव भी मांगा है। आयोग ने इस संबंध में राजनीतिक दलों को व्यक्तिगत रूप से पत्र भी जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह भारत निर्वाचन आयोग द्वारा एक सम्मेलन किया गया था। जिसमें भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें उन्होंने सभी राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों के सीईओ, डीईओ और ईआरओ को राजनीतिक दलों के साथ नियमित तौर पर बातचीत करने, ऐसी बैठकों में प्राप्त किसी भी सुझाव को सख्ती से कानूनी दायरे के भीतर हल करने के निर्देश दिए थे।
आयोग ने राजनीतिक दलों से विकेन्द्रीकृत जुडाव के इस तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग करने का आग्रह भी किया है। राजनीतिक दल, 28 हितधारकों में से एक है, जिन्हें संविधान और वैधानिक ढांचे के तहत चुनावी प्रक्रियाओं से जुडे सभी पहलुओं में आयोग द्वारा मान्यता दी गई है। आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को जारी किए गए पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960, निर्वाचन संचालन नियम 1961, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश, मैनुअल और हैंडबुक ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक विकेन्द्रीकृत, मजबूत और पारदर्शी कानूनी ढांचा स्थापित किया है।