भिण्ड, 25 दिसम्बर। भारतीय जनता पार्टी मण्डल लहार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का सौवां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया। पार्टी की मंशा के अनुरूप सर्वप्रथम अटलजी के छाया चित्र पर सभी अतिथियों ने माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष सुभाष अग्निहोत्री, केदार सिंह राजावत, उमाकांत चौधरी सिल्लू सरपंच, बालिकराम भंडा, मुन्ना शुक्ला आदि अतिथियों ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के जीवन के बारे में अपने-अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का मंच संचालन संजीव चौधरी ने किया।
इस मौके पर केदार सिंह राजावत भटपुरा बालों ने अपने वक्तव्य में कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। वे 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे, पं. जवाहर लाल नेहरू के बाद वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो लगातार दो बार प्रधानमंत्री बने। वहीं पूर्व नपा अध्यक्ष बालिकराम भंडा ने कहा कि वाजपेयी जी राजनीति के क्षेत्र में चार दशकों तक सक्रिय रहे वह लोकसभा में नौ बार और राज्यसभा में दो बार चुने गए, जो अपने आप में ही एक कीर्तिमान है।
इस मौके पर मंडल अध्यक्ष भाजपा सुभाष अग्निहोत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, संसद की विभिन्न महत्वपूर्ण स्थाई समितियों के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने आजादी के बाद भारत की घरेलू और विदेश नीति को आकार देने में एक सक्रिय भूमिका निभाई। वाजपेयी जी अपने छात्र जीवन के दौरान पहली बार राष्ट्रवादी राजनीति में तब आए, वह राजनीति विज्ञान और विधि के छात्र थे और कॉलेज के दिनों में ही उनकी रुचि विदेशी मामलों के प्रति बढी। उनकी यह रुचि वर्षों तक बनी रही एवं विभिन्न बहुपक्षीय और द्विपक्षीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने अपने इस कौशल का परिचय दिया। सरपंच उमाकांत चौधरी सिल्लू ने कहा कि वाजपेयी जी ने अपना करियर पत्रकार के रूप में शुरू किया था और 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड दी, आज की भारतीय जनता पार्टी को पहले भारती जनसंघ के नाम से जाना जाता था जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का अभिन्न अंग है। उन्होंने कई कविताएं भी लिखी जिसे समीक्षकों द्वारा सराहा गया।
योगेन्द्र सिंह बघेल ने कहा कि वाजपेयी जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मप्र के ग्वालियर में रहने वाले एक स्कूल शिक्षक के परिवार में हुआ था। अल्प संख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अरफाज खान ने कहा कि बाजपेई ने महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक समानता के समर्थक वाजपेयी भारत को सभी राष्ट्रों के बीच एक दूरदर्शी, विकसित, मजबूत और समृद्ध राष्ट्र के रूप में आगे बढते हुए देखना चाहते थे। वह ऐसे भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं जिस देश की सभ्यता का इतिहास पांच हजार साल पुराना है और जो अगले हजार वर्षों में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।
इस मौके पर रणवीर राठौर ने कहा कि उन्हें भारत के प्रति उनके निस्वार्थ समर्पण और पचास से अधिक वर्षों तक देश और समाज की सेवा करने के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया। 1994 में उन्हें भारत का सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना गया। अटलजी एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नेता, प्रखर राजनीतिज्ञ, निस्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ता, सशक्त वक्ता, कवि, साहित्यकार, पत्रकार और बहुआयामी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे। पूर्व सरपंच जमुहा मुन्ना शुक्ला ने कहा कि अटलजी जनता की बातों को ध्यान से सुनते थे और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करते थे उनके कार्य राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण को दिखाते हैं। इस मौके पर अंगद शुक्ला, अश्वनी चौधरी मुंशी, राजेश बरुआ, रामस्नेही गुप्ता बब्बा, मनोज दुरवार, रोहित त्रिपाठी, सतीश पाराशर, अन्नू त्रिपाठी, श्रीप्रसाद राठौर, धर्मप्रकाश गौड, दुर्गेश शाक्य, राजाराम शाक्य, छोटू शर्मा, नरेन्द्र सिंह कुशवाह, आलोक चौरसिया, गिरजाशंकर बघेल, अनिरुद्ध सिंह महुआ, राजेश सिंह राजावत, राममोहन चौधरी श्यामपुरा, रामकुमार दीक्षित, पंकज पाल पीपी भैया, रामकुमार बघेल, कृपाल बघेल, मुनेश बघेल, अनिल बघेल, शाकिर खान, हरगोविंद बघेल, रामसुदमा सविता, लक्ष्मीनारायण जाटव, संतोष शर्मा, सालिगराम, कमल कुशवाह आदि भाजपा कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी मौजूद रहे।