सामाजिक संस्था सुप्रयास द्वारा चंबल क्षेत्र के गांवों में चलाया जा रहा है ग्रामीण पर्यटन के विकास हेतु जागरूकता कार्यक्रम
भिण्ड, 28 अगस्त। ग्रामीण भारत के पास लोगों को देने के लिए बहुत कुछ है। इन क्षेत्रों की पहचान करने और इस क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाएं खोजने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों के एकजुट प्रयासों की आवश्यकता है। देश में ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसा करने पर ही ग्रामीण पर्यटन का विस्तार और विकास हो सकता है। परंतु इसके लिए ग्रामीणों को अपने स्तर पर स्वप्रेरित होना पडेगा। यह उदगार पर्यटन विकास वेलफेयर सोसाइटी के अंकित अग्रवाल ने ग्राम तरसोखर में आयोजित ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में व्यक्त किए। सामाजिक संस्था सुप्रयास भिंड द्वारा चंबल क्षेत्र के गावों में ग्रामीण पर्यटन के विकास की संभावनाओं पर जागरुकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
सुप्रयास के सचिव डॉ. मनोज जैन ने कहा कि रोजमर्रा की नीरस जिन्दगी से फुर्सत के कुछ क्षण हमेशा मूड बेहतर बनाने का काम करते हैं। आमतौर पर लोग इस फुर्सत का इस्तेमाल यात्राएं और नए स्थान खोजने के लिए करते हैं। परंतु लक्ष्य का चयन करने में समय और खर्च की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। व्यस्त पर्यटक मौसम के दौरान परम्परागत पर्यटक स्थलों पर आमतौर पर भारी भीड होती है। आज अधिकतर समाज शहरीकृत हो चुका है। ऐसे में ग्रामीण पर्यटन शहरी आबादी के बीच निरंतर लोकप्रिय हो रहा है। हमारे क्षेत्र में ग्रामीण पर्यटन के विकास की अपार संभावना है, यदि ग्रामीण स्वयं पहल करते हैं तो उनको गांव में रहते हुए भी रोजगार के तमाम अवसर उपलब्ध हो सकते हैं।
ग्राम तरसोखर के निवासी सुभाष चतुर्वेदी ने कहा कि तरसोखर में अंग्रेजों के जमाने की हवेलियां हैं, जिनमें हम सुप्रयास के सहयोग से ग्रामीण पर्यटन को विकसित करेंगे।