ग्राम टिमावली में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन
भिण्ड, 26 अप्रैल। आलमपुर नगर के समीप स्थित ग्राम टिमावली में आयोजित सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यास जितेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया, जिस सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए। भगवान श्रीकृष्ण की मनोरम झांकी का अवलोकन कराया है।
कथा व्यास ने जितेन्द्र कृष्ण शास्त्री कृष्ण जन्म कथा के बाद कथा को आगे बढ़ाते हुए पूतना वध, यशोदा मां के साथ बालपन की शरारतें, भगवान श्रीकृष्ण का गौ प्रेम, कालिया नाग मान मर्दन, माखन चोरी गोपियों का प्रसंग सहित अन्य कई प्रसंगों का कथा के दौरान वर्णन किया। कंस का आमंत्रण मिलने के बाद भगवान श्रीकृष्ण बड़े भाई बलरामजी के साथ मथुरा को प्रस्थान करते हैं। उन्होंने ने बताया कि भागवत कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। कलयुग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में मानस पुण्य तो सिद्ध होते हैं, परंतु मानस पाप नहीं होते। कलयुग में हरी नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता है। कलयुग में ईश्वर का नाम ही काफी है सच्चे हृदय से हरि नाम के सुमिरन मात्र से कल्याण संभव है। इसके लिए कठिन तपस्या और यज्ञ आदि करने की आवश्यकता नहीं है। जबकि सतयुग, द्वापर और त्रेता युग में ऐसा नहीं था। भागवत कथा के दौरान कथा व्यास द्वारा बीच-बीच में सुनाए गए भजन पर श्रोता भाव विभोर हो गए। इस मौके पर आयोजक सुघर दुलारी, राकेश मास्टर, बलवंत कौरव सहित तमाम श्रद्धालु मौजूद रहे।