न्यायालय ने आरोपी पर कुल 17 हजार का अर्थदण्ड भी लगाया
सागर, 22 नवम्बर। तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश जिला सागर सुश्री नीलम शुक्ला के न्यायालय ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी रवि शर्मा को दोषी करार देते हुए धारा 366 भादंसं के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास तथा एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376-(2)(आई) के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास तथा पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, पॉक्सो अधिनियम की धारा-5 एल, सहपठित धारा-6 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, अजा/ जजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा-3(1)डब्ल्यू(आई) के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, अजा/जजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा-3(2)(व्ही) के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा के अनुसार घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी ने नौ मई 2017 को पुलिस थाना सानौधा में बालिका के गुम होने की शिकायत कर रिपोर्ट लेख कराई। 31 मई 2018 को बालिका के दस्तयाब होने पर बालिका के कथन लिए गए, जिसने अपने कथनों में अभियुक्त रवि शर्मा द्वारा शादी का कहकर बहला फुसलाकर जबरन ले जाने और मझोली जबलपुर में सरकारी कन्डम मकान में करीब एक साल तक रखे रहना तथा उसकी मर्जी के बिना उसके साथ जबरन दुष्कर्म करना बताया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सानौधा जिला सागर द्वारा धारा 366, 376 भादंसं एवं धारा-5 एल, सहपठित धारा-6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं 3(1)डब्ल्यू(आई), 3(2)(व्ही) अजा/जजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश जिला सागर की अदालत ने आरोपी को उपरोक्तानुसार दण्डित किया है।