सरकार के हाथ की कठपुतली बना राज्य निर्वाचन आयोग : देवेश

आयोग का नाम बदलकर रख देना चाहिए अयोग्य निर्वाचन आयोग

भिण्ड, 30 दिसम्बर। मप्र में पंचायत चुनाव निरस्त होने के बाद विपक्ष ने सीधे तौर पर निर्वाचन आयोग को सरकार की कठपुतली कहा और निर्वाचन प्रक्रिया की डोर चुनाव आयोग से छीनकर अपने हाथ में लेने वाली शिवराज सरकार को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।
इस मामले पर कांग्रेस के अटेर ब्लॉक प्रवक्ता देवेश शर्मा सोनू ने कहा कि जिस तरह से पंचायत चुनाव निरस्त किए गए हैं, उससे अब राज्य निर्वाचन आयोग का नाम बदलकर अयोग्य राज्य निर्वाचन आयोग रख देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग बिना दांत का वह शेर है जो सत्ता पक्ष के हंटर को देखकर अपने फैसलों को उलट पुलट करता है। उन्होंने कहा कि बिना सोच विचार किए पहले पंचायत चुनाव की घोषणा की गई और बाद में इन्हें निरस्त करने का फैसला ले लिया गया। इससे साफ होता है कि राज्य निर्वाचन आयोग कितना अयोग्य। उन्होंने कहा कि पहले चरण के मतदान की तिथि निकट आते आते अचानक चुनाव निरस्त किए गए, जिससे उन प्रत्याशियों का भारी भरकम नुकसान हुआ जो चुनाव प्रचार पर रुपया बहा चुके थे और अब चुनाव निरस्त करने के बाद उनकी अमानत राशि वापस करने की घोषणा कर निर्वाचन आयोग अपनी जिम्मेदारी से मुंह फेर रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह का रवैया इस मामले में शिवराज सरकार का रहा उससे साफ होता है कि यह सरकार लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती है क्योंकि निर्वाचन प्रक्रिया लोकतंत्र का मुख्य हिस्सा है और यदि सरकार ही सीधे तौर पर इसे प्रभावित करने में जुट जाए तो अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है कि सत्ता पक्ष लोकतंत्र में विश्वास रखता है या नहीं।